कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर चक्कीमोड़ में दरक रहे पहाड़ को क्लाइडिंग तकनीक से बचाया जाएगा
सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर चक्कीमोड़ में दरक रहे पहाड़ को क्लाइडिंग तकनीक से बचाया जाएगा। पहाड़ के आधे हिस्से को क्रेट वायर से कवर किया जाएगा। पहले पहाड़ी पर जाली लगाई जाएगी। इसके बाद सीमेंट से स्प्रे होगी। सीमेंट से पहाड़ी में पड़ी दरारों को भी भरा जाएगा। इस तकनीक का प्रयोग पहले धर्मपुर, सनवारा और सोलन में भी किया जा चुका है।
यहां पर यह तकनीक अभी तक सफल रही है और बारिश के दौरान यह पहाड़ नहीं दरके। इसे देखते हुए फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी की ओर से चक्कीमोड़ में भी क्लाइडिंग करने के बारे में प्रस्ताव राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिया है। हाईवे पर चक्कीमोड़ अति संवेदनशील श्रेणी में है। यहां पर सड़क पर पहाड़ से आई मिट्टी को अगर हटाया जाता है तो यहां पर अचानक पहाड़ दरक सकता है।इसी के साथ इस पहाड़ में पानी भी काफी अधिक हो गया है। वर्तमान में यहां पर दो लेन तैयार करने के लिए कार्य शुरू किया जाना है। गौर रहे कि हाईवे पर चक्कीमोड़ में एक अगस्त रात को पहाड़ दरकने के बाद सड़क ढह गई थी। इसके बाद करीब एक सप्ताह तक हाईवे पूरी तरह से बंद रहा था।
बारिश के कारण लगातार यहां पर पहाड़ी से अधिक मात्रा में मलबा सड़क पर आया था। सड़क को सुचारु करने के लिए सड़क से जैसे-जैसे मलबा हटाया जा रहा था वैसे ही और अधिक मलबा सड़क पर आ रहा था। बीते दिनों धूप में भी मलबा सड़क पर गिरना शुरु हो गया था। अब इस पहाड़ को अपनी जगह स्थिर रखने की योजना तैयार कर ली गई है। हाईवे पर चक्कीमोड़ में क्लाइडिंग तकनीक से पहाड़ को दरकने से रोका जाएगा। इसी के साथ आधे पहाड़ पर क्रेट वायर का डंगा भी लगाया जाएगा। यहां पर पहले चरण में दो लेन बनाने की कोशिश की जा रही है। तकनीकी टीम की रिपोर्ट आने के बाद फोरलेन के लिए ड्राइंग तैयार की जाएगी।
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