कुकुमसेरी में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
पालमपुर, रिपोर्ट
चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र कुकुमसेरी में कुलपति डाक्टर डी.के.वत्स की अध्यक्षता में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डाक्टर वत्स ने समय के साथ नई कृषि तकनीकों को अपनाने, मशीनीकरण, जनजातीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली विभिन्न गुणों से परिपूर्ण पारंपरिक फसलों को विशेष पहचान दिलाने पर बल दिया। उन्होंने किसानों की सहायता के लिए वैज्ञानिकों को यथासंभव जानकारी उपलब्ध करवाते हुए मदद करवाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र तथा अनुसंधान केंद्र की भूमिका पर भी चर्चा की। डाक्टर वत्स ने कहा कि किसानों को भी अपनी समस्याएं वैज्ञानिकों के सामने सीधे रखते हुए समाधान के लिए आगे आना चाहिए। उनकी बताई समस्याओं से ही वैज्ञानिक समस्याओं का समाधान कर फसलों के उत्पादन में वृद्धि करवा सकते हैं।
प्रसार निदेशक डाक्टर नवीन कुमार ने बैठक में विभिन्न प्रसार गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए शुष्क शीतोष्ण क्षेत्रों में चारा प्रबंधन व उत्पादन पर जानकारी देते हुए पशुओं में आ रही अफारे की समस्या तथा अनुमोदित फसलों की किस्मों को लगाने पर बल दिया।
डाक्टर जी.सी.नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाक्टर रविंद्र कुमार ने पशुपालकों की जनजातीय क्षेत्रों में आ रही समस्याओं जैसे गर्भधारण में कठिनाई, आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने, मुर्गी पालन को लेकर विशेष शिविर लगाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र कुकुमसेरी के कार्यक्रम समन्वयक डाक्टर पंकज चोपड़ा ने बैठक की विस्तृत जानकारी रखते हुए वर्ष 2024 में किए जाने वाले कार्यो का ब्योरा रखते हुए विगत वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
बैठक में वरिष्ठ कीट विज्ञानी डाक्टर पी.सी.शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा की कार्यक्रम समन्वयक डाक्टर चंद्रकांता,डाक्टर रमेश राणा, पादप प्रजनक डाक्टर उत्तम चंदेल, डाक्टर राधिका नेगी, डाक्टर शबनम कटोच, डाक्टर आशिता बिष्ट सहित जिला के कृषि व संबंधित विभागों के अधिकारियों व प्रगतिशील किसानों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
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