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शिमला जिले के रोहड़ू की छोहारा घाटी का सेब एआई तकनीक से लैस मॉड्यूलर कोल्ड स्टोर में रखा जाएगा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस कोल्ड स्टोर में रखा जाएगा शिमला की छोहारा घाटी का सेब

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

शिमला जिले के रोहड़ू की छोहारा घाटी का सेब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) तकनीक से लैस मॉड्यूलर कोल्ड स्टोर में रखा जाएगा। भारत-जर्मन तकनीकी सहयोग परियोजना (जीआईजेड) के तहत तीन मॉड्यूलर कोल्ड स्टोर स्थापित होंगे।हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू की छोहारा घाटी का सेब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) तकनीक से लैस मॉड्यूलर कोल्ड स्टोर में रखा जाएगा। भारत-जर्मन तकनीकी सहयोग परियोजना (जीआईजेड) के तहत तीन मॉड्यूलर कोल्ड स्टोर स्थापित होंगे।

यह कोल्ड स्टोर सोलर पावर से संचालित होंगे। इसलिए बिजली का खर्चा नहीं होगा, साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी होगा। छोहारा घाटी में 2014 से सेब की सघन खेती की जा रही है। जीआईजेड परियोजना के तहत न्यूजीलैंड के विशेषज्ञ बागवानों को तकनीकी सहयोग दे रहे हैं।छोहारा वैली एप्पल सोसायटी से करीब 2,000 बागवान जुड़े हुए हैं। बागवानों का उद्देश्य रसायन मुक्त सेब का उत्पादन करना है। बड़ी संख्या में बागवान यहां साल दर साल कीटनाशकों और खादों का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। आने वाले तीन सालों में पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से सेब उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। सोसायटी का प्रतिनिधिमंडल ताबो में होने वाली विश्व की बेहतरीन सेब की खेती का जायजा ले चुका है। ताबो की तर्ज पर चांशल एप्पल तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यहां बागवान सेब की आधुनिक खेती के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए नियमित तौर पर पौधरोपण कर रहे हैं, जिससे अच्छी बर्फबारी हो और चिलिंग आवर पूरे होने से सेब की बढ़िया फसल मिल सके।

बागवानी विभाग के विषय विशेषज्ञ कुशाल सिंह मेहता ने बताया कि जीआईजेड योजना के तहत प्रदेश सरकार, छोहारा वैली एप्पल सोसायटी, नौणी विश्वविद्यालय और बागवानी विभाग के बीच एमओयू साइन हुआ है। इसके तहत बागवानी विकास पर काम चल रहा है। एआई से लैस माड्यूलर कोल्ड स्टोर भी इसी योजना के तहत स्थापित किए जा रहे हैं। छोहारा वैली एप्पल सोसायटी के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने बताया कि माड्यूलर कोल्ड स्टोर स्थापित होने के बाद प्राकृतिक रूप से सेब उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है ताकि सेब उत्पादन की लागत घट सके और बागवानों को लाभ हो।




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