कृषि विश्वविद्यालय में सोनोग्राफी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्पन्न
पालमपुर,रिपोर्ट नवीन शर्मा
चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में व्यापक छोटे जानवरों के पेट की सोनोग्राफी पर एक राष्ट्रीय प्रशिक्षण शनिवार को संपन्न हुआ।देश भर से आए 23 पशु चिकित्सकों को भागीदारी प्रमाणपत्र वितरित करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. डी.के.वत्स ने कहा कि विभिन्न व्यवसायों के चिकित्सकों के लिए अपने वैज्ञानिक कौशल और ज्ञान को उन्नत करना महत्वपूर्ण है। यह पशुचिकित्सकों के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण और उपयोगी है।
वे उन जानवरों का इलाज करते हैं जो अपनी बीमारियों के बारे में नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि जानवर हमें दूध, मांस, ऊन, कृषि में सहायता, परिवहन, कंपनी और सुरक्षा आदि सहित बहुत कुछ प्रदान करते हैं। जानवरों को स्वस्थ और रोगमुक्त रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने प्रशिक्षण के सावधानीपूर्वक आयोजन के लिए सर्जरी और रेडियोलॉजी विभाग की सराहना की। उन्होंने मानवता के लिए कृषि और संबद्ध विज्ञान के महत्व को रेखांकित किया।डॉ. जी सी नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ . रवींद्र कुमार, पाठ्यक्रम निदेशकडॉ. आदर्श कुमार ने भी जानवरों के निदान और उपचार में छोटे जानवरों के पेट की सोनोग्राफी के महत्व पर बात की।
पाठ्यक्रम अध्यक्ष डॉ. एस.पी.त्यागी ने बताया कि प्रशिक्षण पशु चिकित्सकों के ज्ञान और कौशल को उन्नत करने के लिए शिक्षा में योगदान का हिस्सा है। डॉ. अमित कुमार और डॉ. रोहित कुमार शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कुछ प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण के बारे में प्रतिक्रिया दी और उपयोगी प्रशिक्षण के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया।
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