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37 हजार की पहली किस्त खुद भरने का झांसा दे फंसाते थे शातिर

                  क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में जिन इंजीनियरों ने फर्जी वेबसाइट बनाई हैं,उन पर शिकंजा कसेगा

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में जिन इंजीनियरों ने फर्जी वेबसाइट बनाई हैं। उन पर शिकंजा कसेगा। इनके खिलाफ पुलिस बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इधर, मामले में पुलिस की एसआईटी आरोपियों के बैंक खातों को खंगालने में जुट गई है। एसआईटी ने बैंकों से आरोपियों के खातों का लेखा-जोखा मांगा है। जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने अधिकतर निवेशकों से नकद राशि ली है। ठगों ने ऑनलाइन भुगतान में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

ऐसे में एसआईटी मामले से जुड़े हर पहलू को गंभीरता से खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर फर्जी साइटें भी बनाई गई हैं। उन इंजीनियरों की भी गिरफ्तारियां होनी तय मानी जा रही हैं। जिन फर्जी वेबसाइट के सहारे आरोपियों ने करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया है, उसकी तह को भी खंगाला जा रहा है। एसआईटी का मानना है कि शुरुआत में ठगों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न भी दिया है।इसके बाद उन निवेशकों ने क्रिप्टो करेंसी में अन्य लोगों को निवेश करने के लिए कहा है। दो सालों के भीतर हजारों लोग इस चेन में जुड़ गए। पुलिस एसआईटी का मानना है कि निवेशकों की संख्या 50 हजार के करीब है। गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पूछताछ के दौरान ये बात भी सामने आई है कि शातिर जिन फर्जी वेबसाइट के माध्यम से घोटाले को अंजाम दे रहे थे, उसमें जुड़ने वाले निवेशकों को हाई रिटर्न दिखाया जाता है। ऐसे में अच्छी रिटर्न मिलते देख कुछ निवेशकों ने दूसरी बार फिर निवेश कर अपनी जीवन भी की पूंजी इसमें लगा दी।

क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले के आरोपी सुखदेव ठाकुर और हेमराज ठाकुर को 12 दिन की ज्यूडीशियल रिमांड पर भेजा है। पुलिस की एसआईटी ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को शिमला न्यायालय में पेश किया। अब इन्हें 21 अक्तूबर को न्यायालय में पेश किया जाना है। इससे पहले इन आरोपियों को ऑनलाइन शिमला न्यायालय में पेश किया गया था। अदालत ने इन्हें दो दिन के ज्यूडीशियल रिमांड में भेजने आदेश दिए थे।मंगलवार को पुलिस एसआईटी ने इन्हें व्यक्तिगत रूप से शिमला न्यायालय में पेश किया। बता दें कि क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में गगल, नगरोटा, पालमपुर और देहरा के कुछ लोगों ने डीआईजी उत्तर क्षेत्र में शिकायत दर्ज की थी। 24 सितंबर को पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ थाना पालमपुर में मामला दर्ज किया। क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले का मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा दुबई में छिपा है। अब तक इस मामले में 70 से ज्यादा ठगी की शिकायतें हो चुकी हैं।

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर हुई ठगी ने क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। इस खेल में शातिर ग्रामीणों को अपनी धनराशि उनके नाम पर निवेश करके झांसे में लेते थे। शातिर आईडी बनाकर देते थे और फिर मोबाइल पर ही वेबसाइट में डॉलर और कॉइन दिखाकर रोजाना इनकी वृद्धि दिखाते। इस पर ग्रामीण धनराशि लगाने के लिए खुद आगे आते। शातिर आईडी बनाने के नाम पर पहली किस्त की 37 हजार रुपये की धनराशि खुद ही भरने की हामी भरते और ग्रामीणों को खूब सपने दिखाते।इसी तरह यह ठगी का खेल चलता रहा। बाद में डॉलर और कॉइन सिर्फ वेबसाइट तक ही सीमित रहे और निवेश करने वालों के हाथ कुछ नहीं लग सका। 11 महीने में धनराशि दोगुना करने के चक्कर में लाखों रुपये की धनराशि भी कई ग्रामीणों ने लगा दी। इस पूरे खेल से जुड़े सुखदेव के घर से उसकी लग्जरी गाड़ी को भी पुलिस उठाकर ले गई है। उसकी पत्नी का मोबाइल भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।





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