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प्रदेश पुलिस विभाग के परिवार में रविवार को 1093 पुलिस आरक्षी शामिल हुए

                                               चार परिवारों के आठ सगे भाई-बहनों ने पहनी वर्दी

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में आरक्षी प्रशिक्षणार्थियों के दीक्षांत समारोह में 1093 आरक्षी प्रशिक्षणार्थियों में से चार परिवारों के आठ सगे भाई-बहन भी शामिल हैं। इनमें शिमला के जुन्गा के सगे भाई और बहन विक्रम और स्मृति, शिमला के मुकुल और मृदुल और इसी जिले के रामपुर के सौरभ और आरती के अलावा शाहपुर के सिहुंवा गांव के दो भाई रितेश और रिशव पासआउट हुए हैं। 

शिमला के जुन्गा के भाई और बहन  विक्रम और स्मृति ने देश की सेवा की शपथ ली। 2009 में पिता देविंद्र सिंह के देहांत के बाद मां पूजा देवी ने विक्रम और स्मृति की परवरिश की। माता पूजा देवी गांव के प्राथमिक स्कूल में वाटर करियर के पद पर सेवारत हैं। पिता हमेशा से बच्चों को पुलिस में भेजना चाहते थे। बच्चों ने इसे पूरा किया।शिमला की चड़गांव तहसील के क्लोटी गांव के दो भाइयों मृदुल और मुकुल ने डरोह में एक साथ पुलिस में सेवा की कसम खाई। उनके दो ताया इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर हैं। एक ताया के दो बेटे दिल्ली पुलिस में हैं तो दूसरे ताया के दो बेटे हिमाचल पुलिस में ही एचसी के पदों पर कार्यरत हैं। 

परिवार के आधा दर्जन लोग पुलिस में हैं। कांगड़ा की शाहपुर तहसील के सिहुंवा गांव के दोनों भाई रिशव धीमान और रितेश धीमान आज पासआउट हुए। दोनों भाइयों का सपना था कि वे पुलिस जवान बनें, वह आज पूरा हो गया। पिता लव कुमार गांव में ही फर्नीचर का काम करते हैं और माता रेणु देवी गृहिणी हैं। रिशव ने बताया कि वे पढ़ाई करके उच्च पद पर पाने की इच्छा रखते हैं।शिमला के रामपुर क्षेत्र के कुमफू गांव के भाई-बहन ने भी पिता का सपना पूरा किया। भाई सौरभ और बहन आरती की तैनाती से पिता रोशन लाल खुश हैं। सौरभ ने बीएससी मैथ की पढ़ाई रामपुर कॉलेज से की है, जबकि बहन आरती ने बीएससी बॉटनी की पढ़ाई रामपुर से की है। सौरभ शिमला के जुन्गा और बहन आरती बिलासपुर के बस्सी में सेवाएं देंगी।





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