किसी ने ठीक ही कहा है कि स्कूल-काॅलेज के पास वाहनों की स्पीड अपने आप ही कम हो जाती है
धर्मशाला,रिपोर्ट नेहा धीमान
किसी ने ठीक ही कहा है कि स्कूल-काॅलेज के पास वाहनों की स्पीड अपने आप ही कम हो जाती है। इसे या तो हम मनचलों की दिल्लगी कहें या फिर वहां से गुजरने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा का लिहाज। इस बात को कांगड़ा पुलिस के विभिन्न पुलिस थानों में पिछले 10 माह में दर्ज हुए दुर्घटनाओं के मामलों की समीक्षा ने सिद्ध कर दिया है।
समीक्षा के दौरान सामने आया है कि जिले के स्कूल-काॅलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पिछले 10 माह में दो से चार तक ही दुर्घटनाओं के मामले सामने आए हैं, जबकि खुला स्थान देखकर वाहनों की बढ़ती सपीड के साथ दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। जानकारी के अनुसार अक्तूबर 2022 से लेकर अब तक कांगड़ा पुलिस ने अपने अधीन आते विभिन्न पुलिस थानों में पेश आई दुर्घटनाओं के मामलों की समीक्षा की है। इसमें सामने आया है कि सड़क पर जहां खुला स्थान होता है, वहां पर दुर्घटनाओं की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा मार्केट और रिहायशी जोन में भी ज्यादा दुर्घटनाओं के मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं ग्रीन जोन, अस्पताल जोन, कॉलेज, स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास दुर्घटनाओं के कम ही मामले सामने आए हैं।
पुलिस विशेषज्ञ मानते हैं कि खुली सड़क पर वाहन चालक अपनी स्पीड बढ़ा देते हैं, जिसके चलते वे कई बार वाहन से अपना नियंत्रण खो देते हैं, जो बाद में दुर्घटनाओं का कारण बना है। इसके अलावा स्कूलों, काॅलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के बाहर वाहनों की स्पीड इसलिए कम हो जाती है क्योंकि स्कूली छात्र कहीं से भी सामने आ सकते हैं, जिसके चलते दुर्घटनाएं ज्यादा होने की संभावना रहती है। वहीं दूसरी ओर बाजारों में भीड़-भाड़ ज्यादा होना दुर्घटनाओं का कारण बना है, जबकि आवासी क्षेत्रों में वाहन चालकों की लापरवाही दुर्घटनाओं का कारण बनी है।कांगड़ा पुलिस ने अक्तूबर 2022 से लेकर अब तक विभिन्न पुलिस थानों के तहत हुई सड़क दुर्घटनाओं को लेकर समीक्षा की है। इसमें सामने आया है कि खुले स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं, जबकि अस्पताल, काॅलेज, स्कूल और औद्योगिक केंद्रों में कम दुर्घटनाओं के मामले सामने आए हैं।
0 Comments