गुरुवार को विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
दोनों विवि में कुलपति के चयन के नियमों में बदलाव के लिए प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन पटल पर संशोधन विधेयक पेश किया। गुरुवार को विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन में कुलपति की नियुक्ति अब अकेले राज्यपाल नहीं कर पाएंगे।
अब इसमें प्रदेश सरकार की सलाह और सहायता लेनी होगी। दोनों विवि में कुलपति के चयन के नियमों में बदलाव के लिए प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन पटल पर संशोधन विधेयक पेश किया। गुरुवार को विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।दोनों विवि को प्रदेश सरकार ही बजट देती है, लेकिन अधिनियम में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। संशोधन विधेयक में स्पष्ट है कि मौजूदा अधिनियम के तहत विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति के लिए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, जबकि इन संस्थाओं का वित्तपोषण अनुदान के रूप में राज्य बजट से किया जाता रहा है।
संशोधित विधेयक में प्रस्ताव हुआ है कि इस संशोधन से सरकार के पास कुलपति के चयन की शक्ति रहेगी और ऐसे कुलपतियों को नियुक्त किया जा सकेगा, जो बहु-शिक्षा शाखाओं वाली संस्थाओं जो सांविधानिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हों। इसके अलावा संशोधित अधिनियम के तहत राज्य सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम बना सकेगी। इसके लिए अधिनियम की धारा 55 के बाद 55 को जोड़ा जा रहा है।
कुलपति विश्वविद्यालय का पूर्णकालिक अधिकारी होगा, जिसकी नियुक्ति कुलाधिपति की ओर से सरकार की सहायता और सलाह पर की जाएगी। इसके लिए अधिनियम की धारा 12, 23 और 24 मेंं संशोधन करने की पेशकश की गई है।हिमाचल प्रदेश कृषि, औद्यागिकी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम 1986 राज्य के दो विश्वविद्यालयों पर लागू है। इनमें चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और डाॅ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय सोलन शामिल हैं। इनमें कर्मचारियों की वित्तीय व्यवस्थाओं तथा सेवा शर्तों में एकरूपता लाने के लिए इसे बनाया गया है।
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