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भद्रवाह के 35 श्रद्धालुओं के जत्थे ने मणिमहेश में छोटा शाही स्नान किया

                          दो दिन में 6,000 ने लगाई डुबकी, लाहड़ू और तुन्नुहट्टी में यात्री पंजीकरण केंद्र

भरमौर,रिपोर्ट नवीन शर्मा 

मणिमहेश यात्रा में अब यात्रियों की तादाद में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है। श्रद्धालु पंजीकरण करवाने के बाद डल झील के लिए रुख कर रहे है। प्रशासन की ओर से जिला चंबा के दोनों प्रवेशद्वार लाहड़ू और तुन्नुहट्टी में यात्री पंजीकरण केंद्र स्थापित किए हैं। 

जहां नियुक्त कर्मचारी पंजीकरण के बाद यात्रा का आगाज कर रहे हैं। दो दिन में छह हजार श्रद्धालुओं ने मणिमहेश के लिए प्रस्थान किया। 3,000 के करीब श्रद्धालु गुरुवार को भरमौर से मणिमहेश की तरफ गए थे। जबकि शुक्रवार को भी 3,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने मणिमहेश के लिए कूच किया। ये श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवाकर यात्रा पर निकले हैं।वहीं, शुक्रवार को हेली टैक्सी के जरिये 584 लोगों ने मणिमहेश यात्रा की। इसमें 47 हवाई उड़ानें हुई, जिसमें 264 यात्री भरमौर से गौरीकुंड की तरफ गए। जबकि 320 यात्री गौरीकुंड से भरमौर पहुंचे। गौरतलब है कि जन्माष्टमी स्नान के बाद मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर आगाज हो गया है। 23 सितंबर को राधाष्टमी का शाही स्नान होगा। मणिमहेश के लिए प्रदेश सहित अन्य राज्य पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़ और दिल्ली से श्रद्धालु रुख कर रहे हैं। नागरिक उपमंडल अधिकारी भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने बताया कि मणिमहेश के लिए यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। कहा कि प्रशासन की ओर से व्यापक प्रबंध किए गए हंै। लगभग छह हजार श्रद्धालुओं ने डल झील में स्नान किया।

तीन दिन की कठिन यात्रा पूरी करके भद्रवाह के 35 श्रद्धालुओं के जत्थे ने मणिमहेश में छोटा शाही स्नान किया। तीन दिन पहले यह जत्था भद्रवाह से गाड़ी के जरिये चंबा पहुंचा था। जहां से इन श्रद्धालुओं ने मणिमहेश का सफर पैदल तय किया। दो दिन पैदल चलने के बाद यह जत्था गुरुवार को डलझील में पहुंचा। जहां पर सभी श्रद्धालुओं ने जन्माष्टमी का स्नान किया। इसके बाद शुक्रवार को यह जत्था वापस चंबा चौगान पहुंचा। जहां पर डेरा जमाने के उपरांत शाम को जत्था भद्रवाह के लिए रवाना हो गया। जत्थे की अगुवाई गुरु ऋषि ने की।

जत्थे में शामिल श्रद्धालु सुभाष, वंदना, सागर, अमनदीप और राम रत्न भारद्वाज ने बताया कि यात्रा का स्वरूप धीरे-धीरे बदल रहा है। इसको लेकर प्रशासन को विशेष कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने मणिमहेश यात्रा का स्वरूप बढ़ाने को लेकर कहा कि यदि भेड़-बकरियां मणिमहेश में जा सकती है तो यात्रा को भी एक महीने पहले शुरू किया जा सकता है। इससे यात्रा के दौरान भीड़ कम होगी तो वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मणिमहेश में गंदगी फैल रही है। इसको लेकर भी प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए।




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