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कुलपति प्रोफेसर एसके चौधरी के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां

                                     किसानों और विद्यार्थियों को नई उपलब्धियों पर पहुंचाया

पालमपुर,रिपोर्ट प्रवीण शर्मा 

चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एच के चौधरी को 22 अगस्त 2020 को 13 कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था । उन्होंने प्रशासनिक परिवर्तन, परिसर विकास, अनुसंधान गतिशीलता और शिक्षण, विस्तार गतिविधियों को मजबूत करने के रूप में सराहनीय सुधार प्रयास किए।  उनके कार्यकाल में भर्ती प्रक्रिया को दोबारा से आरंभ किया गया। इतना ही नहीं जून २०२३ में राष्ट्रीय स्तर पर जारी रैंकिंग में विश्वविद्यालय को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में आठवां स्थान  मिला।  

विश्वविद्यालय ने 2021 में चयन के आधार पर 17 विभाग अध्यक्षों की नियुक्ति की वहीं 26 वैज्ञानिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी हैं।  उनके 3 साल के कार्यकाल के दौरान शिक्षक और गैर शिक्षक श्रेणियों के तहत कुल 388 पदोंनीतियों की गई।  कुलपति चौधरी ने प्रत्येक वैज्ञानिक को यह लक्ष्य दिया कि वह कम से कम 20 लाख की एक परियोजना को अपने पास रखें।  उनके कार्यकाल के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न एजेंसियों को वित्त पोषण के लिए 300 करोड रुपए की 30 से अधिक अनुसंधान पर भेजी गई वर्तमान में लगभग ३५ करोड़ से अधिक की ९५ परियोजनाएं चली है। विश्वविद्यालय ने विभिन्न राज्य कृषि विश्वविद्यालय संस्थानों राज्य विभाग के साथ ४७ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय ने विभिन्न सुविधाओं जैसे फाइटोट्रॉन हाइड्रोपोनिक सुविधा , एयरोपोनिक सुविधा, साइलेज उत्पादन इकाई और वर्चुअल क्लासरूम जैसी कुछ प्रमुख अनुसंधान सुविधाओं को विकसित किया है।

 प्रोफेसर चौधरी ने मवेशियों में सेक्स सीमन का उपयोग , कृषि में ड्रोन तकनीक , स्नो ट्राउट और इल का पालन, न्यूट्रास्यूटिकल्स को बढ़ावा देना और ए आई आधारित आल फ्लेक्स झूम प्रबंधन प्रणाली जैसी नई शोध पहल भी शुरू की। विश्वविद्यालय ने विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में 173 सीटें बढ़ाई है। कृषि महाविद्यालय में आईसीएआर और पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में एनईईटी परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। इस दौरान कुल 242 विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की । नौ वैज्ञानिक और बीस विद्यार्थियों को अनुसंधान प्रशिक्षण के लिए विदेश की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भेजा गया है।  2020 2022 के दौरान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रतिष्ठित रैंकिंग वाली पत्रिकाओं में अपने शोध पत्र प्रकाशित किए।  128 वैज्ञानिकों ने विभिन्न पुरस्कार प्राप्त किए। विश्वविद्यालय ने राज्य के प्रगतिशील किसानों को विश्व विद्यालय का कृषि दूत बनाया और उनकी फोटो और कार्यों को प्रमुखता से संग्रहालय में प्रदर्शित किया है । विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन और प्रयासों से ही किसानों को लाल चावल के लिए पादप जीनोम संरक्षक समुदाय पुरस्कार 2021 में किसानों को काला  जीरा के लिए 2023 में पुरस्कार मिला। विश्वविद्यालय ने दस वर्षों के बाद २०२३ में पर्वतीय कृषक महा संगम क्षेत्रीय (किसान मेले) का आयोजन भी किया ।




 


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