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चढियार चौरडू मृतक अक्षय कुमार की मृत्यु आत्महत्या या हत्या जो भी हो उसकी सीबीआई से उच्चस्तरिय निष्पक्ष जांच करवाई जाए:भाटिया

बैजनाथ,जोनी खान
संत श्री रविदास धर्म सभा के प्रदेशाध्क्ष कर्म चंद भाटिया ने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि प्रदेश के जिला कांगड़ा के तहत बैजनाथ चढियार चौरडू मृतक अक्षय कुमार मृत्यु आत्महत्या या हत्या जो भी हो की सीबीआई से उच्चस्तरिय निष्पक्ष जांच करवाई जाए। वर्तमान में जो एस.आई.टी. गठित से जांच करवाई जा रही है। उसमें कहीं ना कहीं क्षेत्रिय राजनीतिक दबाव की बू आ रही है। क्योंकि वहां के स्थानीय विधायक इस समुदाय से संबंधित है।  इसलिए इस मामले को जानबूझकर लड़की पक्ष को ऊपर दबाव डालने और फंसाने का असफल प्रयास किया जा रहा है।अगर लडकी बाले निर्दोष हैं व उनके खिलाफ लडका पक्ष उनके पक्ष मे पैरवी राजनीति कर रहे संगठन उनके पदाधिकारी दबाव डाल रंजिश के चलते नजायज फंसाने का असफल प्रयास करते हैं तो तमाम रविदास समुदाय समाज के संगठन सभाएं उग्र आंदोलन करेंगी,एक तरफा कारवाई कतई बर्दाश्त नहीं होगी।
    
भाटिया ने कहा कि जिस तरह से अक्षय कुमार मृतक की पैरवी कर रहे कोली समाज के संगठन कभी कह रहे 302 व 34 धाराओं क तहत अब 242 धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाए । हालांकि एसआईटी गठन के बाद एसआईटी की द्वारा कोली समाज के दबाव में 302 धारा के तहत शामिल की गई है। वह किसी भी दृष्टि से न्याय संगत नहीं क्योंकि इस मामले में लड़का अक्षय कुमार ही लड़की की दुकान में जैसे बताया जाता है कि अपने साथ जहर अन्य समान लेकर लड़की को अकेला देख और मौका पाकर उसके दुकान में प्रवेश किया और शटर बंद किया इसलिए उपरोक्त धाराए किसी भी तरह से नहीं लग सकती है,अंदर क्या हुआ बह अलग विषय है।
उन्होंने कहा की जहां तक हमारे को कानूनन जानकारी अनुसार अनुभव है लड़की की दुकान के अंदर लडका घूस गया तो लडकी पक्ष को भी अपनी दुकान के अंदर अपनी जान माल सम्मान आत्म सामान इज्जत को बचाने को लेकर आत्म सुरक्षा का अधिकार है और इस तरह से जिस तरह से बहां कौली  समाज या जो संगठन  बहां पर हैं। उसके अध्यक्ष कह रहे हैं और एसआईटी के माध्यम से या पुलिस के माध्यम से स्थानीय विधायक के दबाव में अक्षय कुमार मृतक को लेकर जिस तरह अब लड़की वालों को भी उस रंजिश के तहत इस केस में जानबूझकर फंसाने का उलझाने का प्रयास किया जा रहा है ।हमें लगता है कि वह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। यह सही है कि अक्षय कुमार की मृत्यु हुई उसमें कोई दो राय नहीं हम इस मामले में अक्षय कुमार और उसके परिवार के साथ खड़े हैं और हमारी उनके साथ पूरी सहानुभूति है क्योंकि गलतियां बच्चे करते हैं लेकिन उसका खामियाजा लड़का लड़की जो भी हो उनके परिवारों को भुगतना पड़ता है। लेकिन गल्त कोई भी हो हम उसके कभी भी साथ खड़े नहीं हैं । जो गलत है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन उच्च स्तरीय जांच और निष्पक्ष जांच करने के बाद ऐसा न हो कि लड़के के मृत्यु की रंजिश के चलते लडके पक्ष द्वारा लड़की वालों को बेवजह झूठे मामलों में फंसाया जाए ।
जबकि लड़की वालों को या लड़की को भी कभी ऐसा आभास नहीं होगा अंदाजा नहीं होगा की लड़का उसकी दुकान में आकर अचानक घुस जाएगा और इस तरह की कार्रवाई  को अंजाम दे देगा क्योंकि यह लड़की की तरफ से कोई भी प्रायोजित संयोजित मामला नहीं है, ना तो उनकी जहां तक हमें जानकारी है ऐसे प्रकरण या हादसे का आभास अंदाजा होगा और इस सारे मामले को लेकर अक्षय कुमार मृतक के द्वारा ही एक तरफा अजाम इस प्रकरण को दिया गया है। वही लड़की की दुकान में प्रवेश किया और उसने ऐसी घटना को अंजाम दिया तो इसमें 302 /34/242 या अन्य धाराएं कैसे  शामिल की जा सकती है और इस मामले की राज्य सरकार जांच करवाए सीबीआई से जांच करवाई ताकि कोई भी निर्दोष व्यक्ति नाजायज किसी के भी दमन और दबाव का बेवजह शिकार हो। क्योंकि ये मामला प्रेम प्रसंग का है अचानक घटित हुआ है अचानक ही ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गईं लडके ऐसा समान ला कर लडकी पर डरा धमका कर हां लिए दबाव डालना चाहता हो।
भाटिया ने कडी चेताबनी देते हुए कहा है कि बावजूद इसके लड़की पक्ष को अगर वह निर्दोष है तो और निष्पक्ष जांच नहीं होती है फिर भी फंसाने का प्रयास किया गया तो इसको लेकर संबंधित क्षेत्र के रविदास समुदाय समाज के सभाएं संगठन चुप नहीं बैठेगी और उसको लेकर उग्र आंदोलन होगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पुलिस प्रशासन जिला प्रशासन की होगी और हम नहीं चाहते कि प्रदेश में इस तरह का आपसी तनाव टकराव और विवाद भड़के जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है क्योंकि दोनो पक्ष अनुसूचित जाति वर्ग से ही सबंधित हैं।

                        

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