बागवानों के चेहरों पर आई मुसकान
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
'राजधानी के भट्ठाकुफर फल मंडी में शुक्रवार को रायल सेब को नाशपाती की पेखम प्रजाति ने पछाड़ दिया। सेब से अधिक कीमत पर नाशपाती बिकी। कोटखाई के पांदली निवासी अनिल कुमार शुक्रवार को भट्ठाकुफर फल मंडी में पेखम नाशपाती के 9 बक्से बेचने के लिए लाए थे। उन्होंने बताया कि 25 किलो की नाशपाती की पेटी 3000 रुपये में बिकी।
इन्हें प्रति किलो 120 रुपये थोक कीमत मिली। बताया कि इस नाशपाती की शेल्फ लाइफ मजबूत है। पेखम पांच माह तक स्टोर में सुरक्षित रह सकती है। पेखम नाशपाती को गर्म जलवायु वाले इलाकों में भी उगाया जा सकता है। कलम लगाने के तीसरे साल इसमें फल लग जाते हैं। अनिल ने बताया कि अभी कम बॉक्स ही बेचने के लिए लाए थे। रविवार को यह मंडी में अपना पूरा स्टॉक बेचने के लिए लाएंगे।पेखम प्रजाति की नाशपाती को जहां 120 रुपये प्रतिकिलो रेट मिला वहीं रॉयल सेब 110 रुपये प्रति किलो बिका। इसके मुकाबले दूसरे किस्म की नाशपाती 70 रुपये प्रति किलो तक बिकी। मध्यम इलाके में नाशपाती की कम पैदावार होती है। बावजूद इसके इस बार क्षेत्र में पेखम नाशपाती की बेहतर पैदावार देखने को मिली रही है। फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि आम तौर पर नाशपाती का इतना बड़ा आकार देखने को नहीं मिलता। अब मंडी में नाशपाती की आवाजाही घटी है। मध्यम इलाके में नाशपाती की फसल कम होती है।
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