राहत के नाम पर नहीं मिली फूटी कोड़ी
मंडी,रिपोर्ट सोनिका ठाकुर
मंडी जनपद के शहर में विक्टोरिया पुल के साथ बने नए पुल के नीचे वर्षो पहले बनी नगर निगम की दुकान बीती 27 जुलाई को पीपल का विशालकाय पेड़ धराशाही होने के कारण बूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। यह पेड़ दुकानों के पिछली तरफ व्यास नदी की और था।9 और 10 जुलाई को जब महाजलप्रलय आई थी, तो उसी वक्त यह पेड़ अपनी पकड़ खो बैठा था। हालांकि प्रशासन ने इसे काटने के आदेश भी दे दिए थे, लेकिन उससे पहले ही बीती 27 जुलाई को यह धराशाही हो गया। पेड़ गिरने से तीन दुकानों को लाखों का नुकसान हो गया, जबकि साथ लगती दुकानों को भी नुकसान पहुंचा गया।
स्थानीय दुकानदार मान सिंह, विनोद कुमार और केवल कृष्ण ने बताया कि उनका लाखों का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि एक बार स्थानीय पार्षद और पटवारी ने मौके पर आकर दौरा किया, लेकिन राहत तो दूर की बात फौरी राहत के तौर पर भी कुछ नहीं मिला। अपनी रोजी-रोटी बचाने के चक्कर में अब यह दुकानदार अपने पैसों से ही दुकानों की मरम्मत करवाने में लगे हुए हैं।
दुकानदारों ने बताया कि यह दुकानें नगर निगम की हैं और वर्ष 1965 से वे पीढ़ी दर पीढ़ी इनका संजिलन कर रहे हैं। हर महीने निगम को इसका किराया भी अदा करते हैं। इन्होंने सरकार व प्रशासन से उचित मुआवजा अदा करने और दुकानो की तुरंत प्रभाव से मरम्मत करने की गुहार लगाई है।वहीं, इस बारे में जब नगर निगम मंडी के कमीशनर एचएस राणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दुकानदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें दुकानें खाली करने को कहा गया है।इस संदर्भ में डीसी (DC) मंडी को भी सूचित कर दिया गया है और उन्होंने पैसे देने की बात कही है। दुकानों को सुरक्षित रखने के लिए बहुत बड़ा डंगा लगाना पड़ेगा और अभी ब्यास नदी का जलस्तर काफी है जिस कारण यह कार्य हो पाना संभव नहीं है। भविष्य में जैसे ही मौका मिलेगा तो इसके लिए उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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