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ठियोग-हाटकोटी एनएच बंद होने से बागवानों का 90,000 पेटी सेब रास्ते में

                                     हिमाचल के शिमला और कुल्लू में 90,000 पेटी सेब फंसा

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

दो दिन से मनाली-चंडीगढ़ हाईवे और वैकल्पिक मार्गों के अवरुद्ध होने और वीरवार को ठियोग-हाटकोटी एनएच बंद होने से बागवानों का 90,000 पेटी सेब फंस गया है। कुल 30,000 पेटी सेब कुल्लू में फंसा हुआ है। कोटखाई के चलनैर और नेरीपुल-छैला-यशवंत नगर क्षेत्र में 600 और कुल्लू के बजौरा में 500 छोटी बड़ी गाड़ियां फंसी हैं। वहीं, कुल्लू जिले के बागवानों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। एक तरफ बंदरोल, भुंतर, पतलीकूहल आदि सब्जी मंडियों में सेब के ढेर लग गए हैं, वहीं बजौरा में वाहन फंस गए हैं।

वाहनों में लोड किया गया सेब दो दिन से फंसा है। अगर मार्ग शीघ्र बहाल नहीं हुए तो सेब सड़ सकता है। इससे बागवानों को लाखों का नुकसान होने की आशंका है। बजौरा में कई वाहन चालकों ने वाहनों से सब्जियां उतार दी हैं। कुल्लू की सब्जी मंडियों से सेब लेकर निकले वाहन चालक दो दिन से जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर फंसे हुए हैं।वह सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं। 23 अगस्त सुबह 9 बजे के बाद से वैकल्पिक मार्ग बजौरा-कमांद सड़क सहित कुल्लू-पंडोह सड़क के बीच आवाजाही ठप पड़ी हुई है। 22 अगस्त को मौसम साफ होने के कारण बागवानों ने तुड़ान कर लिया था। सारा सेब मंडियों में 23 अगस्त की सुबह बिका, लेकिन नौ बजे कुल्लू-मंडी के बीच वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। ऐसे में सब्जी मंडियों से सेब और सब्जियों की खेप लेकर निकली गाड़ियां बजौरा में ही फंस गई हैं।कोटखाई के पास चलनैर में दिन भर ठियोग-खड़ापत्थर-हाटकोटी सड़क पर यातायात प्रभावित रहा, जबकि नेरीपुल-छैला-यशवंत नगर सड़क जगह जगह खराब होने से जाम की समस्या पेश आई। पराला फल मंडी ट्रक ऑपरेटर यूनियन के महासचिव संदीप पांडे ने बताया कि नेरीपुल-छैला-यशवंत नगर सड़क की स्थिति सुधारने के लिए तुरंत मशीनरी बढ़ाने की जरूरत है, वरना ट्रकों में लदा सेब सड़ सकता है।

सेब अभी तक जिले से बाहर नहीं जा पाया है। 23 अगस्त के बाद सेब तुड़ान भी नहीं हो पाया। बंदरोल और भुंतर सब्जी मंडी में वीरवार को नाममात्र ही सेब बिका। बागवानों से खरीदा हुआ सेब-सब्जी मंडियों में डंप हो गया है। ऐसे में व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुल्लू की मंडियों से भेजा गया सेब समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंचने के कारण व्यापारियों को घाटा उठाना पड़ सकता है। व्यापारियों को घाटा होने की सूरत में आने वाले दिनों में सेब के दामों में और अधिक गिरावट आ सकती है। दो सप्ताह में सेब के दामों में 30 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है।सब्जी मंडियों में सेब डंप हो गया है। बजौरा में भी सेब और सब्जियां लेेकर निकले वाहन फंसे हुए हैं। व्यापारी सड़क बंद होने के कारण सेब को नहीं भेज पाए हैं।





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