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कांगड़ा के कई गांव डूबे, 766 लोग रेस्क्यू, सेना, एयरफोर्स, NDRF ने संभाला मोर्चा

                                                        हिमाचल में पौंग डैम के गेट खोले

काँगड़ा,रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद नदी-नाले ऊफान पर हैं. पौंग डैम से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे कांगड़ा के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. गांव जलमग्न हो गए हैं. मंगलवार को यहां पर विभिन्न इलाकों में सेना और एयरफोर्स ने मोर्चा संभाला और देर रात तक 766 लोगों को रेस्क्यू किया है। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. कांगड़ा की अरनी यूनिवर्सिटी के आसपास भी पानी भर गया था, जिससे बच्चों को वहां से रेस्क्यू किया गया है। 

डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदोरा और फतेहपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि यहां राहत व बचाव कार्य के लिए के लिए एयरफोर्स के कुल दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. इसके अलावा भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान भी बचाव कार्य में लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान दोनों क्षेत्रों से अभी तक कुल 766 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें 213 को चॉपर, 422 लोगों को बोट तथा 131 लोगों को अन्य माध्यमों से निकाला गया है। डीसी ने बताया कि इंदोरा उपमंडल में अभी 493 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. इनमें से हेलीकॉप्टर की 3 उड़ानों के माध्यम से 71 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया तथा बोट के द्वारा 422 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. रेस्क्यू किए गए लोगों में मंड घंडरा से 25, अरनी विश्वविद्यालय से 30, बडाला से 16, बेला इंदोरा से 72, मंड भोगरवां से 45, मंड मियानी से 181, उलैड़ियां से 102, धमेटा से 9 तथा हलेर से 13 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं. डीसी ने बताया कि इंदोरा में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए 71 लोगों में से पिछले 10 महीने से ब्रेन हैमरेज से बीमार मंड घंडरा की 68 वर्षीय श्रोती देवी को रेस्क्यू किया गया. 1 माह की बच्ची मनुश्री को उसकी मां आशा रानी के साथ निकाला गया, जबकि पराल की ज्योति देवी को उनके 8 दिन के बेटे लवयांश तथा 8 माह की गर्भवती गीता को एयरलिफ्ट किया गया। 





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