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चुराह के खैरना और चुंडी जंगल में वन विभाग ने 661 देवदार और कायल के स्लीपर बरामद

                                                खैरना और चुंडी जंगल में मिले 661 स्लीपर

चम्बा,रिपोर्ट राकेश कुमार 

विभाग इस बात को लेकर जांच में जुटा है कि आखिरकार जंगल में इतनी मात्रा में स्लीपर कहां से पहुंच गए। जिन लोगों ने जंगल में स्लीपरों को रखा है। उनकी पहचान करने के लिए भी विभाग जांच में जुट चुका है।वन मंडल चुराह के खैरना और चुंडी जंगल में वन विभाग ने 661 देवदार और कायल के स्लीपर बरामद किए हैं। पिछले कुछ दिनों से वन विभाग जंगल में अवैध कटान की गुमनाम शिकायत होने के बाद गंभीरता से जांच करवा रहा है। 

पहले जांच में पाया कि जंगल में विभाग से टीडी के लिए मंजूर देवदार के पेड़ों के बजाय दूसरे पेड़ों को काट दिया गया। इसमें विभाग को 135 पेड़ों के ठूंठ भी बरामद हुए। ये टीडी के नाम पर गलत तरीके से काटे गए। इसके लिए विभाग ने अपने आठ कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। कर्मचारियों को 15 दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देना होगा।विभाग के शिकंजा कसते ही कुछ टीडी धारकों ने अवैध रूप से काटे पेड़ की लकड़ी जंगल में फेंक दी है। कई ऐसे अन्य लोग भी हैं जिन्होंने अवैध तरीके से जंगल से लकड़ी चोरी की थी। वे भी विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए जंगल में लकड़ी ठिकाने लगा रहे हैं। कुछ दिन पहले जंगल में जांच के दौरान कोई भी स्लीपर नजर नहीं आए थे। लेकिन विभाग के शिकंजा कसते हुए लोग घरों में छिपाकर रखी लकड़ी को जंगल और नालों में ठिकाने लगा रहे हैं।

अब विभाग इस बात को लेकर जांच में जुटा है कि आखिरकार जंगल में इतनी मात्रा में स्लीपर कहां से पहुंच गए। हालांकि कुछ स्लीपर जंगल में पहले से पड़े थे। जिन लोगों ने जंगल में स्लीपरों को रखा है। उनकी पहचान करने के लिए भी विभाग जांच में जुट चुका है। टीडी और लॉट के तहत गलत निशानदेही को लेकर भी विभाग जांच कर रहा है। ऐसे में विभागीय जांच पूरी होने के बाद ही पेड़ों के कटान की गुत्थी सुलझ पाएगी। फिलहाल वन मंडलाधिकारी ने जांच टीम को जंगल में सक्रिय कर दिया है।अवैध कटान की जांच में पहले टीडी के तहत मंजूर पेड़ों के स्थान पर दूसरे पेड़ों को काटने का मामला सामने आया था। अब विभाग को जंगल में देवदार और कायल के स्लीपर बरामद हुए हैं। इसको लेकर विभाग गंभीरता से जांच कर रहा है। - सुशील गुलेरिया, वन मंडल अधिकारी, चुराह।





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