राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर तथा दुर्गियाना मंदिर में शीश नवाया और वाघा बॉर्डर का दौरा किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी उनके साथ थी। राज्यपाल ने स्वर्ण मंदिर की परिक्रमा की और गुरु सेवा में भी भाग लिया। राज्यपाल को मंदिर के सूचना कार्यालय में सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थल की यह यात्रा अविस्मरणीय है और यहां सभी को सेवा भाव व आनंद की अलग ही अनुभूति होती है।
श्री शुक्ल ने दुर्गियाना मंदिर में पूजा-अर्चना की और दुर्गियाना ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा उनका सम्मान किया गया।
इसके उपरांत राज्यपाल ने जलियांवाला बाग का भी दौरा किया और 13 अप्रैल, 1919 को इस स्थल पर अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सर्वोच्च बलिदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी साथ ही देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।
श्री शुक्ल ने दुर्गियाना मंदिर में पूजा-अर्चना की और दुर्गियाना ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा उनका सम्मान किया गया।
इसके उपरांत राज्यपाल ने जलियांवाला बाग का भी दौरा किया और 13 अप्रैल, 1919 को इस स्थल पर अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सर्वोच्च बलिदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी साथ ही देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।
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