धर्मशाला, रिपोर्ट
राज्य सरकार निराश्रित तथा एवं दिव्यांग बच्चों की समुचित देखभाल के लिए कारगर कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने निराश्रित बच्चों को सरल और सुखमयी बनाने के लिए 101 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की गई है। यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने वीरवार को कांगड़ा जिला के लुथान में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत एकीकृत देखभाल केंद्र के निर्माण के लिए भूमि का निरीक्षण करने के उपरांत दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन बच्चों को, ‘सरकार ही माता, सरकार ही पिता’, की भावना के अनुरूप ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाने तथा 27 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक इनकी देखभाल का बीड़ा उठाया है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष में एक बार इन बच्चों को हवाई सेवा के माध्यम से शैक्षणिक भ्रमण पर विभिन्न राज्यों में भेजने के अतिरिक्त उन्हें थ्री-स्टार होटलों में ठहरने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि वर्तमान सरकार सामाजिक सुरक्षा के लिए कृतसंकल्प है तथा इसी दिशा में जरूरतमंदों तथा पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है, महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा पेंशन पंद्रह सौ रूपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि वर्तमान सरकार सामाजिक सुरक्षा के लिए कृतसंकल्प है तथा इसी दिशा में जरूरतमंदों तथा पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है, महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा पेंशन पंद्रह सौ रूपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है।
इस अवसर पर विधायक ज्वालाजी संजय रत्न , उपमंडल अधिकारी डॉक्टर संजीव कुमार , उपमंडल पुलिस अधिकारी विकास धीमान , तहसील कल्याण अधिकारी आदर्श शर्मा , प्रधान ग्राम पंचायत लुथान सुरेश कुमार , जिला परिषद् सदस्य कुलदीप धीमान , बीडीसी संजय कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इससे पहले स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं सामाजिक अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने ज्वालामुखी मंदिर में शीश भी नवाया।
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