जो पहले सबकी जिम्मेदारी लेते रहते हैं अब कह रहे हैं कि मैं डाकिया नहीं हूँ : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने लोगों की माँग पर रामपुर विधान सभा क्षेत्र में संस्थान खोले थे, सुक्खू सरकार ने शपथ ग्रहण करते ही सारे संस्थान बंद कर दिये। उन्होंने कांग्रेस के नेता औरवर्तमान सरकार में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह से पूछा कि वह आज रामपुर के लोगों को बतायें कि रामपुर में मेरी सरकार द्वारा खोला गया लोक निर्माण विभाग का डिवीज़न ग़लत था। रामपुर के विधायक बताएं कि संस्कृत महाविद्यालय ग़लत खोला गया था। वह लिख कर दें कि जयराम सरकार ने ग़लत किया था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सरकार ख़िलाफ़ नहीं हैं, हम जनता के लिए हैं। हमारा सरकार को पूरा सहयोग है। लेकिन सबसे पहले जनहित के लिए खोले गये संस्थानों को बहाल करिए। फिर हम बात करेंगे। ऐसा नहीं हो सकता है कि आप प्रतिशोध कि भावना के साथ काम करिए और हम से ही सभी सहयोग लेते रहिए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि सरकार सभी बंद किए संस्थानों को फिर से नोटिफाई नहीं करेगी तो प्रदेश के लोग ही सुक्खू की सरकार को डिनोटिफ़ाई कर देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आते ही हम सारे डिनोटिफ़ाई संस्थानों को नोटिफाई करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के सामने कांग्रेस बेनक़ाब हो गई है और सभी नेताओं का भांडा फूट चुका है। हिमाचल के लोग आने वाले चुनाव में ही कांग्रेस को बता देंगे।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिमाचल के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी है। 830 करोड़ का ऋण पचास साल के लिए बिना किसी ब्याज के दे रहे हैं। तीन हज़ार करोड़ से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की चम्बा से की। 41 हज़ार करोड़ के नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुझे ऐसे लोगों को फ़ोन आते हैं, जो सालों से बिस्तर पर पड़े हैं। ऐसे लोगों की सहारा योजना का पैसा नहीं मिल रहा है। सब मुझसे कहते हैं कि आप मुख्यमंत्री से कहिए पैसा नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूँ, मानवीय संवेदना के आधार पर काम करिए, आप बाक़ी योजनाएं चलाइए, लेकिन ऐसे लोगों के साथ न्याय करें और सहारा योजना के लाभार्थियों का पैसा न रोके।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में पहली बार इस तरह झूठ बोलकर सरकार बनाई गई है। आज तक हिमाचल में ऐसा नहीं हुआ है। आज कांग्रेस सरकार की गारंटियों का मज़ाक़ बन गया है। प्रदेश के लोग कांग्रेस के लोगों की राह देख रहे हैं। पाँच लाख सरकारी नौकरी देने वाले दस हज़ार आउटसोर्स कर्मियों को बाहर कर दिया। कोविड फ्रंट लाइन वर्कर्स को नौकरी से निकालने से ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा लोगों की सेवा के लिए गारंटी नहीं नीयत की आवश्यकता है। हमने बिजली फ्री देने की, गानों में पानी फ्री देने की, सहारा योजना की, गृहणी योजना की गारंटी नहीं दी थी। लेकिन प्रदेश के लोगों को सुविधा देने के लिए हमने यह किया है।यदि लिख कर देने की हिम्मत नहीं है तो उन संस्थानों को फिर से बहाल करें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है। अब बहुत हुआ, अब चुप बैठने का समय नहीं हैं, यदि भी हम और आप चुप बैठ गये तो, यह सरकार इसी तरह से मनमानी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बंद संस्थानों को बहाल करे, नौकरी से निकाले गये आउटसोर्स कर्मियों को वापस ले।
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