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मेहनती व्यक्ति कभी भी मुश्किलें चाहे हजारों हो हिम्मत नहीं हारता

                             ऐसी मेहनत, ज्जवे की दास्तान जो दूसरों के लिए प्ररेणा का स्रोत बन रही है 

नूरपुर,रिपोर्ट संजीव महाजन 

सफलता हमेशा मेहनत से मिलती है मेहनती व्यक्ति कभी भी मुश्किलें चाहे हजारों हो हिम्मत नहीं हारता है बस ज्जवा ,जनून हिम्मत और मेहनत पर विश्वास होना चाहिए ऐसा ही कर दिखाया है।


 
नूरपूर ब्लाक की पन्दरेहड पंचायत में सिकन्दर राणा ने  मशरुम ग्रोइंग यूनिट की जो पहल की है वह दूसरों के लिए एक प्ररेणा बन रही है इस यूनिट को शुरू करने से पहले उन्होंने मशरुम की खेती करने की  ट्रेनिंग भी ली थी नूरपूर क्षेत्र में इस यूनिट शुरू करने में एकीकृत बागवानी मिशन के तहत  हाॅटिकल्चर विभाग कांगड़ा द्वारा ब्लाक नूरपूर से सब्सिडी भी मिली है। हालांकि की इस यूनिट को शुरू करने से पहले इन्होंने ने एक दो घर पर मशरुम की खेती करने की कोशिश की पर किन्हीं कारणों से सफलता नहीं मिली पर इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर ब्लाक तथा कांगड़ा हाॅटिकल्चर विभाग की मदद से फिर शुरू कर दिया ।इनका इस यूनिट को शुरू करने का उद्देश्य गांव के युवाओं को रोजगार देना तथा फसलों के साथ इस तलहकी फसल उगा कर आर्थिक स्थिरता को मजबूत बनाना है तथा दूसरा किसानों , बागवानों जिन्होंने बंदरों,आवारा जानवरों की वजह से खेती करना छोड़ दी है उन्हें इस तरह के काम करके एक सफलता की राह दिखाना है। 

किसान सिकन्दर राणा ने कहा कि जब हमारा मशरुम यूनिट का जो प्लान बना तै पहले मैंने पन्द्राह दिनों की इसकी जाच्छ में ली  फिर उसके बाद मैंने एक दो बैच डाला पर रेगुलर काम नहीं चला क्योंकि हमारे पास उस तरीके सुविधा नहीं थी उसके बाद अभी हमारे दिमाग में आया कि क्यों ना इसे दोबारा शुरू किया जाए और इससे लोगों को रोजगार भी मिल जाए और पुश्तैनी जमीन क्यों ना काम चलाया जाए तथा मुझे देख कर ओर भी युवा भी अपनी जमीन में ऐसा काम करें लोग बंदरों व आवारा पशुओं की वजह से अपनी जमीन खाली छोड़ रहे है यह काम बन्द कमरे में ही सकता है हमने जो प्लांट लगाया है इसपर सरकार ने आठ लाख की सब्सिडी भी दी गई जिसके पास ट्रेनिंग का सार्टिफिकेट होगा उसी को सब्सिडी मिलती है अगर कोई करना चाहे तो कर सकता है धरातल में काम करना हो तो शुरू शुरू में मुश्किलें तो बहुत आती है हमारा यह तीसरा बैच है इसकी सेल के लिए हमने एक दो लोगों को भी रखा है वह गांव गांव में भी जाते दूसरा जो जसूर सब्जी मंडी और पठानकोट सब्जी मंडी में भी भेजते हैं मेरा युवा पीढ़ी को संदेश है कि इधर उधर भटकने से अच्छा है अपनी पुश्तैनी जमीन में इस तरह का कोई काम शुरू कर ले जिससे जमीन भी रहेगी और आमदनी का साधन भी बना रहेगा ।

अजय ठाकुर ने कहा कि मैं पन्दरेहड पंचायत का निवासी है मैं यहां पर जो सिकन्दर भाई ने मशरुम यूनिट शुरू किया है वहां इसकी केयर टेक का काम कर रहा हूं यहां काम करने से पहले सिकन्दर भाई ने हमें ट्रेनिंग करवाई थी हम यहां दस लोग काम कर रहे है हम सिकन्दर भाई का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमें यहां रोजगार दिया हुआ है हम ने यह भी निर्णय लिया कि किसी युवा या किसान को अगर मशरूम की खेती के बारे में ट्रेनिंग लेनी हो तो हम यहां पर उसे  फ्री ट्रेनिंग देगे ।पंकज ठाकुर ने कहा कि मैं आज पन्दरेहड में आया हूं यहां पर हमारे सिकन्दर भाई ने बहुत अच्छा  मशरुम का फार्म हाउस बनाया हुआ है जिससे मैं उनकी सराहना करता हूं इन्होंने हमारे लोकल युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया हुआ है इसके लिए उनका तेहदिल से धन्यवाद ।


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