हिमाचल प्रदेश का गौरवशाली इतिहास और परम्पराएं राज्य की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और उन्हें भावी पीढ़ी के लिए भी संरक्षित किया जाना चाहिए। प्रदेश के विभिन्न स्थानों में आयोजित होने वाले मेले समृद्ध संस्कृति के संरक्षण एवं प्रसार में श्रेष्ठ भूमिका निभाते हैं। यह बात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज चम्बा जिला में ऐतिहासिक मिंजर मेले के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि कही। राज्यपाल बनने के पश्चात शिव प्रताप शुक्ल का यह चम्बा जिला का पहला दौरा था।
इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल उनके साथ उपस्थित रहीं।
उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय मिंजर महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चंबा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर गांव और शहर की एक भिन्न सांस्कृतिक पहचान है, जो अन्यत्र नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करके आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मिंजर महोत्सव का प्राचीन परंपराओं, मान्यताओं और आस्थाओं से गहरा संबंध है।
उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय मिंजर महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चंबा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर गांव और शहर की एक भिन्न सांस्कृतिक पहचान है, जो अन्यत्र नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करके आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मिंजर महोत्सव का प्राचीन परंपराओं, मान्यताओं और आस्थाओं से गहरा संबंध है।
इस अवसर पर श्री शुक्ल ने राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से हुई जान-माल की क्षति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चम्बा जिले में भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन जिस तत्परता से सरकार, प्रशासन, पुलिस बल और केंद्र से मदद मिली है, उससे राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय वायुसेना, थलसेना और अर्धसैनिक बलों को धन्यवाद दिया। उन्होंने लगभग 350 करोड़ रुपये की सहायता के लिए कंेद्र सरकार का भी आभार व्यक्त किया।
उन्होंने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से इस विपदा की घड़ी में मदद के लिए आगे का आग्रह किया और साथ ही लोगों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने समाज में अवैध नशीली दवाओं के प्रसार पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने बढ़ती नशाखोरी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने पारंपरिक कुंजड़ी मल्हार गीतों के बीच मिंजर ध्वज फहराकर मेले का औपचारिक शुभारम्भ किया। उन्होंने प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर में मिंजर भेंट कर आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कला एवं शिल्प मेले तथा विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को दर्शाती प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने मिंजर मेला खेल प्रतियोगिताओं की औपचारिक शुरुआत की।
उपायुक्त एवं मेला समिति के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने आयोजन समिति की ओर से राज्यपाल को सम्मानित किया। मिंजर मेला खेल समिति की ओर से पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने भी उन्हें सम्मानित किया।
इस मौके पर उपायुक्त की पत्नी श्वेता देवगन ने लेडी गवर्नर को सम्मानित किया। नगर परिषद चम्बा की अध्यक्षा नीलम नैय्यर ने राज्यपाल को मिंजर भेंट की।
मेला समिति की ओर से उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक नीरज नैय्यर और डी.एस. ठाकुर और पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव संदीप कदम, नगर परिषद के पार्षद, विभिन्न विभागों के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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