लाहौल-स्पिति जिला में सामान्य से 3200 प्रतिशत अधिक और किन्नौर में 500 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
राज्य सरकार ने बारिश के कारण उत्पन्न गम्भीर आपात स्थिति से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर राहत बलों को तैनात किया है। स्थानीय प्रशासन राहत एवं पुनर्वास के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। प्रदेश सरकार यातायात मार्ग अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने को विशेष अधिमान दे रही है। यह प्रयास किया जा रहा है कि अवरुद्ध मार्गों, पेयजल योजनाओं को तुरन्त बहाल किया जाए तथा विद्युत आपूर्ति व संचार व्यवस्था को भी अतिशीघ्र सुचारू बनाया जाए। यह बात प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न मौजूदा स्थिति के संबंध में राजस्व विभाग-आपदा प्रबंधन सेल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों के परिवारों के बीच अनावश्यक भय की स्थिति उत्पन्न होने की स्थिति से बचने के लिए संचार माध्यमों, विशेष रूप से टेलीफोन कनेक्टिविटी को बहाल करना महत्वपूर्ण है। यदि इन स्थानों पर बिजली की आपूर्ति उपलब्ध नहीं है तो दूरसंचार टावरों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के संचालन के लिए ईंधन उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
प्रधान सचिव ने राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों खासकर बद्दी में सड़क संपर्क और बिजली आपूर्ति बहाल करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि बद्दी में भारी वाहनों की आवाजाही बहाल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये वाहन उद्योग की जीवन रेखा हैं और कच्चे माल और तैयार उत्पादों का परिवहन पूरी तरह से उन पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पिति जिला में सामान्य से 3200 प्रतिशत अधिक और किन्नौर में 500 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण प्रभावित लगभग 4800 जलापूर्ति परियोजनाओं में से लगभग 2800 बहाल की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि 33 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 1100 से अधिक सड़कों पर यातायात को बहाल करने के लिए 885 जेसीबी, ट्रैक्टर, टिप्पर, डोजर और अन्य मशीनें तैनात की गई हैं।
प्रधान सचिव ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, परिवहन, पर्यटन, उद्योग, ऊर्जा, कृषि और बागवानी सहित सभी विभागों के प्रमुखों को बारिश के कारण हुए नुकसान की तत्काल भरपाई पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकांश सड़कों, संचार लाइनों, बिजली आपूर्ति ढांचे और जल पंपिंग स्टेशनों की मरम्मत की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को कम से कम समय में शेष स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए।
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