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पालमपुर विज्ञान केन्द्र में किया गया ‘विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस’ का आयोजन

पालमपुर विज्ञान केन्द्र में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अंतर्गत कुछ शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया

पालमपुर,रिपोर्ट प्रवीण शर्मा 

पालमपुर विज्ञान केन्द्र में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अंतर्गत कुछ शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया । ज्ञातव्य रहे कि विश्व प्रकृति संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने और जनता के मध्य जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इसका वैश्विक स्तर पर आयोजन किया जाता है । इस कार्यक्रम की शुरुआत केन्द्र के संग्रहाध्यक्ष एवं परियोजना समन्वयक श्री राम स्वरूप ने कार्यक्रम की प्रस्तावना और सार्थकता पर चर्चा की एवं पालमपुर विज्ञान केन्द्र द्वारा जन सामान्य, विशेषकर विद्यार्थियों के मध्य वैज्ञानिक चेतना के प्रसार एवं विज्ञान के प्रति रुचि संवर्धन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों से दर्शकों को अवगत कराया । इसके उपरांत दर्शकों के लिए एक लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान का आयोजन किया गया । 

इसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में चल रहे प्रकृति संरक्षण के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया । जुजुराना, हिमतेंदुआ जैसे हिमाचल के राजकीय पहचान से जुड़े जीवों के संरक्षण से लेकर कवक, कीट व पादप संपदा के संवर्धन एवं संरक्षण के प्रयासों एवं उपायों तथा राज्य के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई कुक्कुट की उन्नत किस्म ‘हिमसमृद्धि’ तक की जानकारी दर्शकों को दी गई । प्रकृति संरक्षण की शपथ के साथ ही इस व्याख्यान को विराम दिया । तत्पश्चात, दर्शकों के लिए एक ओपन हाउस प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया जिसमें वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972,  हिमाचल प्रदेश के जैविक राजकीय चिन्ह, संरक्षित क्षेत्र एवं राष्ट्रीय उद्यान, आर्द्रभूमि, उन्नत किस्में, प्रमुख वैज्ञानिकी एवं तकनीकी संस्थान इत्यादि के विषय में प्रश्न पूछे गए । प्रश्नोत्तरी में सही उत्तर देने वाले दर्शकों को यथास्थान पुरस्कृत किया गया । 

इस कार्यक्रम में पालमपुर एवं आस पास के क्षेत्रों के प्रतिष्ठित राजकीय एवं पब्लिक स्कूलों जैसे शहीद मेजर सुधीर कुमार वालिया राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, बनुरी; धौलाधार आर्मी प्राइमेरी स्कूल; दयानंद भारतीय पब्लिक स्कूल; ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल; राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, डरोह इत्यादि विद्यालयों  के लगभग 56 विद्यार्थियों एवं उनके परिजनों तथा आम दर्शकों ने प्रतिभागिता कर कार्यक्रम को सफल बनाया । कार्यक्रम के प्रतिभागियों को ई-प्रतिभागिता प्रमाणपत्र वितरण के साथ कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई ।



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