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बाल हितों के संरक्षण के लिए संवेदनशील रहें अधिकारी

                                                 बाल हितों के संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर बैठक आयोजित

धर्मशाला,रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने कहा कि बाल हितों को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण में अधिकारियों को व्यक्तिगत संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। बच्चों एवं किशोरों के प्रति बुरे बर्ताव और शोषण से उनकी रक्षा करने के लिए उनके प्रति दृढ़तापूर्वक अपनी सामाजिक-नैतिक जिम्मेदारी निभाना जरूरी है।सौरभ जस्सल आज वीरवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।  

बैठक में जिला स्तर के विभागों जिसमें पुलिस, स्वास्थ्य, लेबर, जिला विधिक प्राधिकरण, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, चाईल्ड लाईन, बाल कल्याण समिति, जिला कल्याण विभाग, कौशल विकास व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सहित अन्य हितधारकों ने भाग लिया।यह बैठक विशेषतः अनाथ बच्चों के लिए वर्तमान सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना पर केन्द्रित रही। 

 अतिरिक्त उपायुक्त ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के संबंध में बिन्दुवार चर्चा करते हुए जिला के आश्रमों में रह रहे बच्चों के लिए गुणात्मक शिक्षा, स्वास्थ्य, पोष्टिक भोजन, सामाजिक सुरक्षा एवं आश्रमों के अन्दर उत्तम स्तर की रहने की सुविधाओं से संबंधित योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार निर्देश जारी किए। उन्होंने बच्चों के लिए ईडव्ल्युएस कोटे के अन्दर क्षेत्र के बढि़या स्कूलों में दाखिला, बच्चों के लिए कोचिंग व्यवस्था, पोषक तत्वों से भरपूर खाना, मासिक एवं वार्षिक भ्रमण, बच्चों के खातों में मासिक आर्थिक सहायता, डॉक्टरों द्वारा नियमित निरीक्षण आदि पर समुचित ध्यान ने को कहा।

उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फरॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट के दायरे में आता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसा मामला ध्यान में आने पर तुरन्त पुलिस को सूचना दें।उन्होंने अधिकारियों को बच्चो को संविधान प्रदत सभी अधिकारों का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित बनाने को कहा।


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