पालमपुर, नवीन शर्मा
क्या यह है सुक्खू सरकार का व्यवस्था परिवर्तन एक तरफ बच्चों वाला डाक्टर नहीं ओर दूसरी तरफ़ सफेद हाथी बनकर पडा है सव स्टेशन यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि पिछले तीन महीने से सिविल होस्पीटल पालमपुर में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है। परिणामस्वरूप बच्चो का डाक्टर न होने के कारण जच्चा बच्चा के अतिरिक्त महिला रोग विशेषज्ञ की कार्यप्रणाली भी बहुत प्रभावित हो रही है। नतीजतन गर्भवती महिलाओं की खोख में पल रहे बच्चे की सुरक्षा एवं व्यवस्था को सर्वोपरि देखते हुए इन्हें अन्यत्र रैफर करना पड रहा है। पूर्व विधायक ने स्थानीय विधायक एवं सुक्खू सरकार के मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल को स्मरण करवाया है कि जव निवर्तमान सरकार के कार्यकाल में बच्चो के डाक्टर का पद उक्त होस्पीटल में रिक्त चला आ रहा था तो यह महोदय ढिंढोरा पीट पीट कर होस्पीटल के बाहर धरने पर बैठ गये ओर गला फाड फाड कर सरकार के विरुद्ध बड़े बड़े भाषण देकर नारे लगाने लगे थे ।
अव सुक्खू सरकार के व्यवस्था परिवर्तन में सत्ता का सुख भोगते हुए यह कैसा नज़ारा देख रहे है । पूर्व विधायक ने कहा इसी तरह का एक ओर तमाशा अमर शहीद परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम वत्तरा राजकीय महाविद्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर देखने को मिल रहा है। जहाँ बतौर मुख्यमन्त्री राजा वीरभद्र सिंह जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की अति लोकप्रिय महत्वाकांक्षी विधुतिकरण योजना "दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति " के तहत टिका निहंग में विधुत उप केन्द्र का शिलान्यास किया था । अनुमानतः पांच करोड रूपये की लागत से यह 33 / 11 के वी 2 x 315 एम वी ए की क्षमता का विधुत उप केन्द्र लम्बे समय से वनकर तैयार है जिसके बाहर ताला जडा हुआ है। ऎसे में लगता है कि विभाग के निकम्मे पन व प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री की लोकप्रिय योजन की बेरुखी के चलते आज दिन तक इसे चालू नहीं किया गया है । पूर्व विधायक ने रोष भरे लहजे में कहा इस तरह यह केन्द्र सरकार की हर गाँव , गली व मोहल्ले को चकाचौंध करने वाली योजना के साथ भद्दा मजाक नहीं तो ओर क्या है।
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