देवभूमि के रूप में प्रख्यात हिमाचल प्रदेश में धार्मिक, साहसिक और प्राकृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पहाड़, झीलें, नदियां और मनभावन वादियां प्रदेश के नैसर्गिक सौन्दर्य को विश्वभर में अलग पहचान दिलाती हैं। विविध सांस्कृतिक विरासत और भव्य मंदिर यहां के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में अवसरों और संसाधनों के उपयोग के लिए राज्य सरकार ने अनेक नवोन्मेषी प्रयास किये हैं। प्रदेश के शक्तिपीठ हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करते हैं। सरकार ने अब प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को ई-कनेक्ट करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिससे भक्तों को घर बैठे ही दर्शन की सुविधा सुनिश्चित होगी।
ऊना जिले के प्रसिद्ध माता चिंतपूर्णी मंदिर से शुरुआत करते हुए, अब सरकार ने प्रदेश के मंदिरों और शक्तिपीठों में हवन, भंडारा और जागरण समारोहों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है। इस उद्देश्य के लिए सॉफ्टवेयर के विकास का कार्य चल रहा है।
इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रद्धालु मंदिर के पुजारियों से जुड़ सकेंगे, अनुष्ठानों के लिए बुकिंग कर सकेंगे और ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे। सॉफ्टवेयर भक्तों को विशेष पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त भी प्रदान करेगा। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से श्रद्धालुओं को बेहतरीन आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा। यह तकनीकी प्रयोग हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का सदुपयोग करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
तीर्थयात्रियों के अनुभव को और सुखद बनाने के लिए सरकार प्रमुख मंदिरों के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी कार्य कर रही है। ऐसा ही एक उदाहरण हमीरपुर जिले में स्थित बाबा बालकनाथ मंदिर है, जो दियोटसिद्ध के नाम से प्रसिद्ध है। चकमोह गांव में एक पहाड़ी की चोटी पर प्राकृतिक गुफा में स्थित यह मंदिर लाखों भक्तों के लिए महत्त्व रखता है।
क्षेत्र में आगंतुकों की सुविधा के लिए, राज्य सरकार ने बाबा बालकनाथ मंदिर में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के सुधार के लिए 65 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एशियाई विकास बैंक द्वारा स्वीकृत इस राशि का उपयोग मंदिर परिसर के भीतर सौर स्ट्रीट लाइट लगाने और मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों और रास्तों की मरम्मत के लिए किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए विश्राम कक्षों, वर्षा शालिकाओं व शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई इन पहलों का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सहज और समृद्ध अनुभव प्रदान करना है। ई-कनेक्टिविटी की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को विभिन्न सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे निश्चित रूप से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार के दृढ़ प्रयासों से देवभूमि हिमाचल को सभी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
ऊना जिले के प्रसिद्ध माता चिंतपूर्णी मंदिर से शुरुआत करते हुए, अब सरकार ने प्रदेश के मंदिरों और शक्तिपीठों में हवन, भंडारा और जागरण समारोहों के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है। इस उद्देश्य के लिए सॉफ्टवेयर के विकास का कार्य चल रहा है।
इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रद्धालु मंदिर के पुजारियों से जुड़ सकेंगे, अनुष्ठानों के लिए बुकिंग कर सकेंगे और ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे। सॉफ्टवेयर भक्तों को विशेष पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त भी प्रदान करेगा। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से श्रद्धालुओं को बेहतरीन आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा। यह तकनीकी प्रयोग हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का सदुपयोग करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
तीर्थयात्रियों के अनुभव को और सुखद बनाने के लिए सरकार प्रमुख मंदिरों के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी कार्य कर रही है। ऐसा ही एक उदाहरण हमीरपुर जिले में स्थित बाबा बालकनाथ मंदिर है, जो दियोटसिद्ध के नाम से प्रसिद्ध है। चकमोह गांव में एक पहाड़ी की चोटी पर प्राकृतिक गुफा में स्थित यह मंदिर लाखों भक्तों के लिए महत्त्व रखता है।
क्षेत्र में आगंतुकों की सुविधा के लिए, राज्य सरकार ने बाबा बालकनाथ मंदिर में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के सुधार के लिए 65 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एशियाई विकास बैंक द्वारा स्वीकृत इस राशि का उपयोग मंदिर परिसर के भीतर सौर स्ट्रीट लाइट लगाने और मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों और रास्तों की मरम्मत के लिए किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए विश्राम कक्षों, वर्षा शालिकाओं व शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई इन पहलों का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सहज और समृद्ध अनुभव प्रदान करना है। ई-कनेक्टिविटी की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को विभिन्न सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे निश्चित रूप से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार के दृढ़ प्रयासों से देवभूमि हिमाचल को सभी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
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