राहत कैंप के लिए पूर्वनिर्धारित हो स्थान
धर्मशाल,रिपोर्ट मोनिका शर्मा
उपायुक्त ने कहा कि आगामी बरसात के मौसम में सभी विभाग और लोग सचेत एप का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा विकसित किया गया ‘सचेत’ एप स्थानीय स्तर पर आपदा से संबंधित सटीक सूचना नियमित अंतराल पर दी जाती है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी एवं चेतावनियां समय पर उपलब्ध होती हैं और किसी स्थान विशेष में आपदा के समय क्या करें अथवा न करें, ऐसे निर्देश भी मिलते हैं।
डॉ. निपुण जिंदल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बारिश के मौसम में बाढ़ तथा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के पास राहत कैंप लगाने के लिए भी प्रशासन और विभाग पहले से स्थान निश्चित करके रखें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय तुरंत प्रभाव से स्थान चुनना और वहां व्यवस्थाएं करना कठिन होता है इसलिए रीलिफ कैंप के लिए स्थान पहले से निर्धारित हों।
उपायुक्त ने सभी विभागों को आपदा के समय में अपन विभाग से संबंधित पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेशन किया जाए ताकि लोगों को शुद्व पेयजल उपलब्ध हो सके और जलजनित रोगों से भी बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग को भी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का दो माह का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने आपदा संभावित क्षेत्रों में विभागों को पहले से आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थ, दवाईयां, आदि के स्टॉक रखने के निर्देश दिए।
इससे पहले प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने शिमला से वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से आपदा प्रबंधन को लेकर कांगड़ा जिले की तैयारियों का जायजा लिया। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने उन्हें जिला प्रशासन द्वारा पूर्व तैयारी के तौर पर किए गए प्रबंधों से अवगत कराया।
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