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सबके लिए शाश्वत प्रेरणा है महाराणा प्रताप का जीवन

                                            महाराणा प्रताप सिद्धांतों को रोजमर्रा के जीवन में अपनाएं

धर्मशाला, रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने महाराणा प्रताप जी की 484वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन को सभी के लिए शाश्वत प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का पराक्रम, साहस और स्वाभिमान हर भारतवासी की पूंजी है। उनके संघर्ष में उन्हें विविध वर्गों का साथ मिला, जो उनमें लोगों के अगाध विश्वास का प्रकटीकरण है।विधानसभा अध्यक्ष ने यह विचार सोमवार को कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के पठियार में राजपूत कल्याण सभा तथा राजपूत कल्याण ट्रस्ट द्वारा संयुक्त तौर पर आयोजित महाराणा प्रताप जयंती समारोह के अवसर पर व्यक्त किए।

उन्होंने पठियार में महाराणा प्रताप इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित इस समारोह में सभी को महाराणा प्रताप जयंती की बधाई देते हुए देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाली हर महान विभूति को नमन किया। उन्होंने कहा कि देश को जब भी जरूरत पड़ी यहां शूरवीरों ने हंसते हुए स्वयं को बलिदान किया है। उन्होंने वजीर राम सिंह पठानिया के महान बलिदान को भी स्मरण किया और कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी 10 साल पहले नूरपुर के वजीर राम सिंह पठानिया ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। ऐसे तमाम महान बलिदानियों के त्याग के बूते ही आज हमारा देश एक है।

कुलदीप सिंह पठानिया ने राजपूत कल्याण सभा की विविध विकास एवं कल्याण कार्य के लिए एक करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की मांग पर सरकार की ओर से समुचित धनराशि मुहैया कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कांगड़ा हवाई अड्डे का नामकरण महाराजा संसार चंद कटोच के नाम पर करने की राजपूत सभा की मांग का भी समर्थन दिया। उन्होंने सभा के जनकल्याण कार्यों की सराहना करते हुए  आगे भी हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।


इस अवसर पर लोक निर्माण एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने महाराणा प्रताप के विराट व्यक्तित्व को सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत बताते हुए उनके आदर्शों व सिद्धांतों को रोजमर्रा के जीवन में अपनाने व अमल में लाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे सिद्धांत ही हमारी ताकत होते हैं, जिनपर मुश्किल समय में अडिग रहना जरूरी है। इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है कि आज के समय में महाराणा प्रताप के आदर्शों को जीवन में किस तरह अमल में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्रवाद व जातिवाद में विश्वास नहीं है, सबका विकास सर्वत्र विकास ही हमारा ध्येय है।

 

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