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मई माह में किन्नौर में हुई बर्फबारी

                                          बागवानों को घाटा,बारिश और हिमपात से हुआ सेबो को नुकसान 

किन्नौर,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के उचाई वाले कई भागो में मई में भी बर्फबारी जारी रहने से किसानो-बागवानों को और आम लोगो की मुस्किले बढ़ गयी है। बीती रात को जिला किन्नौर के उचाई वाले भागो में बर्फबारी हुई है। जिला किन्नौर में इस बार मई महीने में दिसंबर की तरह ठण्ड बढ़ गयी है।

बारिश ने काफी लोगो की मुस्किले बड़ा दी है। लोग काफी परेशान हो गए है लगातार बारिश ने फसलों के साथ साथ लोगो की दिनचर्या में भी काफी मुस्किले पैदा कर दी है। फसलों के नुक्सान से परेशान बागवान और किसान आय दिन इसी मुश्किल में है की कैसे उनके फसलों की कटाई होगी। और उनको कैसे मुनाफा मिलेगा। इस मौसम ने सभी को परेशानी में डाल दिया है। लोग ऐसे मौसम की वजह से काफी बीमार भी हो रहे। 

जिला किन्नौर में इस मर्तबा मई महीने में भी दिसंबर माह की भांति ठंड बढ़ गई है। जिले के ऊंचे ग्रामीण इलाकों में बर्फबारी तो निचले इलाकों में बारिश ने ठंड का प्रकोप शुरू कर दिया है। लिहाजा किन्नौर जिला अब तक शीतलहर की चपेट में है. लोगों ने दोबारा से गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं। किन्नौर जिला सेब बहुल क्षेत्र है जहां पर प्रतिवर्ष करीब 33 से 35 लाख सेब की पेटियां मंडी तक पहुंचती हैं, लेकिन इस साल मई महीने में बर्फबारी के बाद बागवानों के सेब की फसल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि बर्फबारी के बाद सेब के पेड़ों की टहनियां टूटने के साथ फ्लावरिंग पर भी इसका असर देखने को मिला है। जिसके चलते सेब की फसल कम होने की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि जिले के निचले क्षेत्रों में सेब के फूलों की अच्छी सेटिंग बताई जा रही है, लेकिन निचले क्षेत्रों में ज्यादा बारिश को नुकसानदायक भी बताया जा रहा है। 



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