देश के गर्म आर्द्र तटीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले फलों को छोड़कर, प्रदेश में सम्भवतया अन्य सभी फल उत्पादित किए जा सकते हैं
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने कृषि अनुकूल जलवायु से नवाजा है जिसके फलस्वरूप फल, फूल, सब्जियां, मशरूम, हाप्स, चाय, औषधीय और सुगंधित पौधों जैसे बागवानी उत्पाद यहां सफलतापूर्वक उगाए जा सकते हैं। देश के गर्म आर्द्र तटीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले फलों को छोड़कर, प्रदेश में सम्भवतया अन्य सभी फल उत्पादित किए जा सकते हैं। इन सबके बीच प्रदेश के प्रगतिशील किसानों द्वारा उत्पादित अन्य गुणवत्ता वाले सेब के लिए हिमाचल दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
प्रदेश सरकार ने राज्य के बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। फल उत्पादकों को प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर अपने उत्पाद को घर के समीप बेचने और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से बचाने के लिए बेहतर विपणन सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश के विभिन्न भागों में मार्केट यार्ड और खरीद केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।राज्य के सेब उत्पादकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार यूनिवर्सल कार्टन को लागू करने के लिए कानूनी अध्ययन भी करवा रही है। राज्य के विभिन्न भागों में नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर खोलने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि बागवानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके।
इसके अलावा, सरकार सक्रिय रूप से एक सेब आधारित डिस्टिलरी स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह बागवानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करेगी और वे छोटे आकार और निम्न गुणवत्ता के सेब वाइनरी उत्पादों के लिए बेच सकते हैं। सरकार ने बैंकों को किसानों-बागवानों के कल्याण के लिए उन्हें कृषि, मत्स्य पालन और बागवानी क्षेत्रों के लिए उदारतापूर्ण ऋण प्रदान करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सके।
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