सरकार के निर्णय पर भड़के डॉक्टर
जोगिंदर नगर,रिपोर्ट जतिन लटावा
गौरतलब है कि आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने स्वास्थ्य मेडिकल एजुकेशन, डेंटल और पशुपालन विभाग में भविष्य में तैनात होने वाले डॉक्टरों का एनपीैए बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय पर डॉक्टर भड़क गए हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल भी डॉक्टरों के साथ मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। इसमें कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। जाहिर है कि आगामी दिनों में डॉक्टर और सरकार के बीच टकराव बढ़ने वाला है।
जोगिंदर नगर में आज डॉक्टरों द्वारा पेन डाउन स्ट्राइक सुबह 9.30 से 11 बजे तक की गई जिसमें की किसी भी डॉक्टर के द्वारा ओपीडी में ड्यूटी नहीं दी गई। सुबह डेढ़ घंटे तक डॉक्टरों के ओपीडी नहीं बैठने से अस्पताल में मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ा। इस बारे में जानकारी देते हुए डा० अभिनव चौहान ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नहीं किया गया और न ही ऑपरेशन थिएटर की सेवाएं बाधित की गई एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि NPA को जल्द बहाल नहीं किया जाता तो आगामी दिनों में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होने कहा की एनपीैए सैलरी का 20% मिलता है डॉक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी NPA मिलता है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि एनपीैए को जल्द बहाल नहीं किया जाता तो आगामी दिनों में आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस आंदोलन में जोगिंदर नगर के सभी डॉक्टर उपस्थित रहे - डा० अभिनव चौहान, डा० रिशब चढ्ढा, डा० बिरजेंदर, डा० तेंजिन, डा० अंकित, डा० विनय, डा० माणिकेया ।
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