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झारखण्ड और बंगाल से चल रही अधिकतर ऐप

                                       ऐप डाउनलोड करवा कर शातिर कर रहे लोगो से ठगी

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

साइबर अपराध के इस तरह के बढ़ते मामलाें के चलते साइबर पुलिस ने लाेगाें काे सलाह दी है कि वे किसी तरह के लालच में न आकर पैसा इन्वेस्ट न करें। वेबजह एप पर पैसा न लगाएं, लुभावने विज्ञापनाें काे इग्नाेर करें। हाल ही में हिमाचल पुलिस के पूर्व डीजीपी आइडी भंडारी से भी इसी तरह की ठगी सामने आई थी। शातिरों ने उनसे भी ऐप डाउनलोड करवाया। उसके बाद खाते से करीब 80 हजार रुपए निकाल लिए। शिमला के रहने वाले एक व्यक्ति कुछ दिन पहले उसे एमजेयू नाम से एक एप डाउनलोड करने की रिक्वेस्ट आई। 

एप में पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा गया। करीब 31 हजार रुपए इन्वेस्ट किए। कुछ दिन चलने के बाद अब एप बंद हो गया है। वहीं,जो शातिर टेलीग्राम के माध्यम से खुद को कंपनी का मार्केटिंग हेड बताता था, उसका सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद हो गया है।समझदार बनें, कोई पैसा दोगुणा-तीन गुणा नहीं करता। 

साइबर थाना शिमला के एएसपी भूपेंद्र नेगी का कहना है कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। ये सब खेल झारखंड और वेस्ट बंगाल से चल रहा है। ऐसे में जागरूक रहने की जरूरत है। शातिर इमोशनली और लोक लुभावने ऑफर देकर लोगों को झांसे में ले रहे हैं। ऑनलाइन ठगी के ज्यादातर मामले उपभोक्ताओं की लापरवाही की वजह से ही सामने आते हैं साइबर जानकारों की सख्त हिदायत है कि बिना सोचे-समझे न तो अपने मोबाइल फोन में कोई ऐप डाउनलोड करें और न ही अपना ओटीपी किसी के साथ साझा करें।

नका कहना है कि बिना ओटीपी साझा किए अकाउंट में सेंधमारी नहीं की जा सकती है। एक बार जब उपभोक्ता अपना ओटीपी साझा कर देता है, उसके बाद शातिर अपने मन मुताबिक ठगी करने में कामयाब हो जाते है।



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