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जिला काँगड़ा के किसान सभा ब भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र के अधिकारियो ने खेतो का जायजा लिया

 गेहूं की फसल की कटाई अभी तक नहीं की है ,उपमंडल पालमपुर ,नगरोटा, जयसिंहपुर, बैजनाथ, धर्मशाला,खुंडियां,बड़ोह ,पंचरुखी ब थुरल में भी कुछ फसल काटकर खेतों में ही पड़ी है 

काँगड़ा.रिपोर्ट नवीन शर्मा 

आज हिमाचल किसान सभा ब भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र  सीटू के जिला कांगड़ा के  नेताओं ने किसानों के बेमौसम बरसात होने से हुए नुकसान का खेतों में जा कर जायजा लिया तथा पाया कि ज्यादातर गेहूं की फसल की कटाई अभी तक नहीं की है ,उपमंडल पालमपुर ,नगरोटा, जयसिंहपुर, बैजनाथ, धर्मशाला,खुंडियां,बड़ोह ,पंचरुखी ब थुरल में भी कुछ फसल काटकर खेतों में ही पड़ी है जो काली पड़ गई है बाकी सभी सारी कटाई काटने को है यही काफी नहीं है।

 इस वर्ष कि प्याज व आलू की फसल भी झुलसा बीमारी का शिकार हो गई है प्रदेश सरकार के अपने कृषि विभाग के द्वारा व सरकार द्वारा दिए लाइसेंस होल्डर यानी कृषि संबंधी दवाइयां और बीज बेचने वालों विक्रेताओं द्वारा नकली दवाइयां बेची गईं।इसका परिणाम यह हुआ कि बार बार दवाई का छिड़काव करने के बावजूद भी प्याज और आलू की फसल बर्बाद हो गई।जिला के कई किसानों के पास थोड़ी थोड़ी जमीन है उसमे भी आवारा पशुओं व जंगली जानवरों,बंदरों का आतंक है!

किसान करे तो क्या करें।अतः हिमाचल किसान सभा और भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र सीटू ने संयुक्त रूप से प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश सरकार के अधिकारी स्वयं खेतों का दौरा कर के गेहूं, व कांगड़ा की नकदी फसल आलू व प्याज की बर्बाद फसलों का जायजा लें और सरकार को रिपोर्ट दें और प्रदेश सरकार नुकसान की भरपाई का मुआवजा दे।करीब सैंकड़ों एकड़ जमीन पर फसलें बर्बाद हो गई हैं।अगर सरकार जल्दी ही बर्बाद फसलों का मुआवजा नहीं देती है तो किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा ।जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।



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