एक ही परिवार के प्रधान उपप्रधान होने कारण मनमानी से और नियमों को दरकिनार करके किया गया रास्ते का कार्य गले की फांस बन गया
ज्वाली,रिपोर्ट राजेश कतनौरिया
जवाली विधान सभा क्षेत्र के ब्लाक नगरोटा सुरियां के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुठेड तीन बार मुख्यमंत्री, राज्यपाल इत्यादि द्वारा सम्मानित हो चुकी थी और काफी प्रतिष्ठा हासिल कर चुकी है । इस पंचायत में प्रधान और उपप्रधान का बहुत ही गहरा नाता रहा है क्योंकि अगर प्रधान सुशील कुमार होता था तो उपप्रधान उसकी धर्मपत्नी वीना देवी और अगर प्रधान वीना देवी बनती है तो उपप्रधान उसका पति सुशील कुमार ही रहा ।इससे पहले भी इसी परिवार का पंचायत पर दबदबा रहा।
किसी ने ठीक ही कहा है कि समय किसी का न बना और दिन बदलते देर नहीं लगती। ऐसा ही कुछ आजकल कुठेड़ पंचायत में देखने को मिल रहा है ।कुठेड़ पंचायत के प्रधान सुशील कुमार व उपप्रधान वीना देवी, टेक्निकल ओम प्रकाश और संजीव कुमार, ग्राम रोजगार सेवक प्यार चंद अपने ही बुने जाल में फंस कर गंभीर समस्या से गुजर रहे है ।बता दे कि कुठेड़ निवासी जाहिर अब्बास खान ने जानकारी देते हुए बताया कि कुठेड़ पंचायत के प्रतिनिधियों और कर्मचारियों द्वारा मनरेगा के तहत जंगलात भूमि पर बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए और अन्य जगह का पर्चा व जमाबंदी दर्शाकर फर्जी तरीके से रास्ते पर खर्च किए गए रूपये विवादित रूप धारण कर गया । एक ही परिवार के प्रधान उपप्रधान होने कारण मनमानी से और नियमों को दरकिनार करके किया गया रास्ते का कार्य गले की फांस बन गया ।
मामला इतना गरमाया कि जुलाई 2022को लोकपाल अदालत धर्मशाला का सहारा लेना पड़ा । लोकपाल अदालत ने जांच पड़ताल की और आखिरकार 16 मई 2023 को लोकपाल अदालत ने अपना फैसला सुना ही दिया कि पंचायत के प्रतिनिधियों और कर्मचारियों द्वारा किए कार्यों में काफी अनिमियताएं पाई गई जिस कारण प्रधान सुशील कुमार, उपप्रधान वीना देवी, तकनीकी सहायक ओम प्रकाश व संजीव कुमार, ग्राम रोजगार सेवक प्यार चंद को कुल 1,18,350 (एक लाख अठारह हजार तीन सौ पच्चास रूपये ) बतौर रिकवरी डाली गई । जो प्रति व्यक्ति के हिस्से में 19725 रूपये रिकवरी डाली गई। शिकायतकर्ता जाहिर अब्बास खान ने डीसी कांगड़ा डाक्टर निपुण जिंदल से गुहार लगाई है कि ऐसे पंचायत के प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाए ।
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