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शानन परियोजना प्रबंधन मूलभूत सुविधाएं देने में नाकाम

             जोगिंद्रनगर की शानन परियोजना स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने में नाकाम रही

जोगिन्दरनगर,रिपोर्ट जतिन लटावा 

हर साल अरबों की आमदनी जुटाकर पंजाब को मालामाल करने वाली जोगिंद्रनगर की शानन परियोजना स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने में नाकाम रही हैं।

यहां के लोगों को रोजगार देना तो दूर मुख्य सड़क और रास्तों की भी मरम्मत नहीं की जा रही है। अब तो आवास खंडहर हो गए हैं। कचरे के ढेर राहगीरों को चिढ़ा रहे हैं। बिजली, पानी की सुविधा का भी दंश झेलना पड़ रहा हैं। बीते एक साल से मंडी-पठानकोट के साथ लगते शानन संपर्क सड़क नाले में तबदील हो गई है। इस पर चल रहे वाहन हादसों का शिकार हो रहे हैं। पैदल चलने वालों के रोजाना पांव चोटिल हो रहे हैं। इसके बावजूद परियोजना प्रबंधन सड़क की मरम्मत नहीं कर रहा है।पन विद्युत परियोजना के साथ लगते गांव हार, शहरी क्षेत्र कूपड, शानन, निचला हराबाग में दशकों बीत जाने के बाद भी अंधेरा पसरा है। स्थानीय निवासी राजेंद्र, दिनेश, हरजिता, विजय, प्रवीण, सरिता, सुनंदा, मीनाक्षी, अमित और भागमल ने कहा कि यहां के लोगों को रोजगार मिलना तो दूर मूलभूत सुविधाएं भी परियोजना प्रबंधन प्रदान नहीं कर पाया।

शानन परियोजना प्रबंधन के अधीक्षण अभियंता अजीत सिंह ने कहा कि शानन परियोजना के जीर्णोद्धार पर करोड़ों रुपये पंजाब ने खर्च किए हैं। परियोजना के अधीन आने वाले रास्ते और सड़कों के सुधार के लिए भी बजट का प्रावधान किया है। स्थानीय लोगों को पावर हाउस में रोजगार दिलाया गया। एसडीएम जोगिंद्रनगर कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि शानन परियोजना की आम लोगों पर उदासीनता का मामला प्रदेश सरकार के अधीन लाने की प्रक्रिया प्रशासन ने भी शुरू कर दी है। जनहित में यह मामला प्रदेश सरकार के समक्ष प्रेषित करने के दस्तावेज भी जुटाना शुरू कर दिया है।


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