विद्यार्थियों को तंबाकू मुक्त होने की शपथ दिलाई
ज्वाली.रिपोर्ट राजेश कतनौरिया
फतेहपुर बिधान सभा क्षेत्र के तहत राजकीय सीनियर सेकेंडरी सकूल रियाली के बच्चों ने तंबाकू की रोकथाम से जुड़े कोटपा कानून के ऊपर जागरूकता रैली निकाली। यह रैली नाड़ा इंडिया फाउंडेशन के तत्वाधान में निकाली गई। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में तंबाकू उत्पादों के हानिकारक प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। रियाली विद्यालय के समस्त स्टाफ एवम स्काउट एंड गाइड यूनिट के सहयोग से यह रैली आयोजित की गई । तंबाकू के प्रभाव एवम लोगो को तंबाकू से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया गया। तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को आगाह किया गया।
विद्यार्थियों को तंबाकू मुक्त होने की शपथ दिलाई गई। विद्यालय के शिक्षक एवम स्टाफ ने जीवन में तंबाकू का प्रयोग नहीं करने का वचन लिया। इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल श्री कमल किशोर शर्मा ने कहा कि हर साल तंबाकू के इस्तेमाल से 13 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं, जो कि चिंता का विषय है। तंबाकू उद्योग का लक्ष्य युवा वर्ग एवम बच्चे होते हैं। इस कारण तंबाकू से दूर रहने के लिए जागरूकता कार्यकर्मो का महत्व है। संस्कृत के अध्यापक शास्त्री राजनय तिवारी ने जानकरी देते हुए कहा कि स्कूल के 100 गज क्षेत्र में तंबाकू उपयोग को लेकर वैधानिक चेतावनी बोर्ड लगे हैं। सामयिक मीटिंग में स्थानीय दुकानदारों को शामिल किया जाता है। पंचायत को इसकी साथ जानकारी दी जाती है।
स्कूल के स्काउट गाइड के साथ तंबाकू उत्पादों के ऊपर निकाली गई रैली में युवा जागेगा तम्बाकू भागेगा! नारे का महत्व रेखांकित किया गया। विद्यार्थियो की भागीदारी से तम्बाकू की रोकथाम की दिशा में एक सराहनीय पहल ली गई। जागरुकता रैली में कुल 200 विद्यार्थियों समेत समस्त स्कूल स्टाफ ने भाग लिया। नाडा इंडिया युवा नेटवर्क के सदस्यों ने इसमें बढ़ चढ़कर साथ दिया। कोटपा अधिनियम 2003 एवम विश्व तंबाकू निषेध दिवस के तहत नाडा इंडिया फाउंडेशन ने युवाओं के माध्यम से प्रदेश स्तरीय इस कैंपेन की शुरुआत शिक्षा विभाग के सहयोग से की है। जिसका मुख्य उद्देश्य कैंपस में स्वास्थ को सुनिश्चित करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के संदेश जन जन में ले जाने का काम हो रहा है। स्वास्थ मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आगामी 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हिमाचल प्रदेश में कराए गए 2013 सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में तम्बाकू सेवन कर प्रतिशत 16.1 है। जबकि धुम्रपान की व्यापकता 14.2 प्रतिशत है। धुम्रपान रहित तम्बाकू की व्यापकता देश में हालांकि 3.1 प्रतिशत के साथ सबसे कम है। वैश्विक वयस्क तम्बाकू सेवन द्वितीय सर्वे में पहले सर्वे की तुलना में आंकड़ों में तब्दीली आई है। सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क से इस समय राज्य में 32.5 प्रतिशत लोग घरों में प्रभावित हैं। जबकि सार्वजनिक स्थानों पर 12 प्रतिशत ।भारत में दुनिया में तंबाकू खपतकारों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। भारत में लगभग 27 फीसदी कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू है। 2017-18 में तंबाकू के उपयोग से होने वाली सभी बीमारियों और मौतों की वार्षिक आर्थिक लागत 177,341 करोड़ रुपयें रहा जो कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी का एक फीसदी है।तम्बाकू उत्पादों की आपूर्ति,कोटपा अधिनियम के तहत तम्बाकू नियमो में मुख्य रूप से 100 गज दायरे में तंबाकू उत्पादों को बेचना और खरीदना दंडनीय अपराध है। इसमें संलिप्त के खिलाफ कड़ी कारवाही की जाती है । रैली में स्कूली बच्चों को तम्बाकू को लेकर शपथ भी दिलाई गई। प्रतिज्ञा के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया गया की तम्बाकू नियमो को सख्त बनाया जाए और कोटपा अधिनियम में मुख्य रूप से तंबाकू खरीदने और बेचने की उम्र 18से 21 कर दी जाए ।स्वास्थ किसी भी देश की बड़ी पूंजी होती है। युवा शक्ति पूंजी होती है। तंबाकू एवम उससे जुड़े उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं । इस समस्या के समाधान की दिशा में स्कूली बच्चों का कदम सराहनीय है।
हिमाचल एन वाई एन राज्य समन्वयक मंगल सिंह ने कहते हैं कि कोटपा अधिनियम की जानकारी आमजन में बहुत कम है । युवाओं में स्वास्थ्य को लेकर चिंता कम है। ज़मीनी स्तर पर जागरुकता बढ़ाने के लिए कैंपेन चलाए जा रहे हैं। के बच्चों के द्वारा निकाली गई रैली से शिक्षण संस्थानों के आसपास आसपास के तम्बाकू को लेकर जागरूकता आएगी। जागरूकता रैली की स्वास्थ्य महत्त्व की चीज होती है। युवाओं की सेहत बचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए।ऐसे अभियान भविष्य की नीव रखेंगे। बदलाव की कड़ी बनेंगे। नाडा यंग इंडिया नेटवर्क इस दिशा में निरंतर सक्रिय रही है। युवाओं के स्वास्थ्य की दिशा में पिछले कई वर्षो से सक्रिय योगदान दे रही है।देश में लाखों लोग सालाना तंबाकू से उत्पन्न बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । जबकि तंबाकू व नशाखोरी से ही दस मिलियन लोग इसकी लत में आकर गरीबी की और धकेले जाते हैं। जागरूकता रैली तंबाकू उत्पादों के नुकसान को लेकर जागरूता अभियान की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी साबित होगी।
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