शिमला में महात्मा बुद्ध की 2567वीं जंयती धुमधाम से मनाई गई
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
भगवान गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था, इस महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। वहीं इतिहासकार मानते हैं कि गौतम बुद्ध का जन्म 563-483 ई.पू. के मध्य में हुआ था। उनका जन्म स्थल लुम्बिनी में हुआ था जो कि वर्तमान में नेपाल का हिस्सा है। महात्मा बुद्ध ने बुध पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में महाप्रयाण यानी देह त्याग किया।
शिमला में महात्मा बुद्ध की 2567वीं जंयती धुमधाम से मनाई गई। इस आयोजन में सभी धर्मों के अनुयायी एक साथ शामिल हुए। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम शिमला के पंथाघाटी में स्थित बौद्ध बिहार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम भारत-तिब्बत मैत्री संघ व शिमला और किन्नौर, लाहुल-स्पीति बौद्ध सेवा संघ द्वारा करवाया गया। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस मौके पर बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष पूजा-अर्चना की व भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण किया। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि आज के दिन महात्मा बुद्ध को जन्म, ज्ञान व निर्वाण प्राप्त हुआ था। तिब्बत से तिब्बतियन होकर आए तब से निर्वासित हैं और भारत में अलग थलग हैं। इनको भी भारत में सम्मान मिलना चाहिए। यदि नेपाल व बांग्ला से आए लोगों को यहाँ शरण मिल सकती है तो तिब्बतियों को क्यों नहीं? तिब्बतियन शांति से रहते हैं और भारत के लिए इनका अहम योगदान रहा है।
0 Comments