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वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेला के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में भर्ती किए गए

         लगभग 71,000 लोगों को नियुक्ति पत्र के वितरण के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

आज 70 हजार से ज्यादा युवाओं को भारत सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र मिल रहा है। आप सभी ने कड़ी मेहनत से ये सफलता हासिल की है। मैं आपको और आपके परिवार को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। कुछ ही दिन पहले गुजरात में भी ऐसा ही हजारों लोगों को रोजगार देने वाला रोजगार मेले का आयोजन हुआ था। इसी महीने असम में भी एक बड़े रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार और बीजेपी शासित राज्य सरकारों में इस तरह के रोजगार मेले, युवाओं के प्रति हमारे कमिटमेंट को दर्शाते हैं।

बीते 9 वर्षो में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है। पहले, Staff Selection Board में आवेदन करना ही बहुत मुश्किल होता था। एक एप्लिकेशन फॉर्म लेने के लिए घंटों लाइन में लगे रहो, डॉक्युमेंट्स को अटेस्ट करवाने के लिए गजेटेड ऑफिसर्स को खोजो, फिर application को डाक द्वारा भेजा जाता था। और इसमें ये भी पता नहीं चलता था कि वो एप्लीकेशन समय पर पहुंची या नहीं पहुंची। जहां पहुंचना था, वहां पहुंची की नहीं पहुंची। आज आवेदन करने से लेकर नतीजे आने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। आज डॉक्यूमेंट को सेल्फ अटेस्ट करना भी पर्याप्त होता है। ग्रुप-C और ग्रुप-D के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू भी खत्म हो गए हैं। इन सारे प्रयासों का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।आज का दिन एक और वजह से बहुत विशेष है। 9 साल पहले आज के ही दिन 16 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। तब पूरा देश उत्साह, उमंग और विश्वास से झूम उठा था। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ कदम बढ़ाने वाला भारत, आज विकसित भारत बनने के लिए प्रयास कर रहा है। जैसे 9 साल पहले 16 मई को लोकसभा के चुनाव के नतीजे आए थे, वैसे ही आज एक और भी महत्‍वपूर्ण दिन है। आज हमारे एक महत्‍वपूर्ण प्रांत हिमालय की गोद में बसा हुआ सिक्किम प्रांत का भी स्‍थापना दिवस है।

बीते 9 वर्षों में भारत सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर पर करीब-करीब 34 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं, मूलभूत सुविधाओं के लिए। इस साल के बजट में भी कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय किए गए हैं। इस राशि से देश में नए हाईवे बने हैं, नए एयरपोर्ट, नए रेल रूट, नए पुल अनगिनत ऐसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से भी देश में लाखों नए रोजगार बने हैं। जिस स्पीड और स्केल पर आज भारत काम कर रहा है, यह भी आजादी के 75 साल के इतिहास में अभूतपूर्व है। 70 साल में भारत में सिर्फ 20 हजार किलोमीटर के आसपास रेल लाइनों का Electrification हुआ था। जबकि हमारी सरकार में बीते 9 साल में भारत में करीब-करीब 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का Electrification हुआ है। 2014 से पहले हमारे देश में हर महीने सिर्फ 600 मीटर नई मेट्रो लाइन बिछाई जा रही थी। आज भारत में हर महीने 6 किलोमीटर उस समय हिसाब मीटर का था, आज हिसाब किलोमीटर का है। 6 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन का काम पूरा हो रहा है। 2014 से पहले देश में 4 लाख किलोमीटर से भी कम ग्रामीण सड़कें थीं। आज देश में सवा सात लाख किलोमीटर से भी ज्यादा ग्रामीण सड़कें हैं। यह भी करीब-करीब डबल। 2014 से पहले देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे। आज देश में एयरपोर्ट्स की संख्या भी बढ़कर 150 के आस-पास पहुंच रही है। यह भी डबल। बीते 9 वर्षों में देश में गरीबों के लिए जो 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं, उन्होंने भी रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए हैं। गांव-गांव में खुले 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर, आज रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं, युवाओं को village level entrepreneurs बना रहे हैं। गांवों में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनें हों या फिर 9 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ना, ये सभी अभियान बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर रहे हैं। देश में आ रहा विदेशी निवेश हो या फिर भारत से रिकॉर्ड एक्सपोर्ट, ये देश के कोने-कोने में रोजगार के अवसर बना रहे हैं।



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