खैर की कटाई का क्या है मामला ,क्या फैसला होगा सुप्रीम कोर्ट का
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
हिमाचल प्रदेश में खैर के पेड़ों के कटान से संबंधित 2 मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 10 मई को सुनवाई होगी। प्रदेश सरकार खैर उत्पादकों को राहत देने के लिए 'दस वर्षीय कटान कार्यक्रम' के अतंर्गत खैर के कटान पर लगाई गई शर्त हटाने और उनको सुविधा अनुसार खैर कटान की अनुमति देने को लेकर कोर्ट में अपना कानूनी पक्ष रखेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय राज्य सरकार के पक्ष में आता है तो इससे प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और खैर के पेड़ों के कटान के लिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे किसान अपनी सुविधा और आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार इसका कटान करने में सक्षम हो सकेंगे।
खैर की लकड़ी से निकालने जाने वाला 'कत्था' औषधीय गुणों से परिपूर्ण होने के कारण इसका विभिन्न दवाईयों के उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में राज्य सरकार की दलील है कि सिल्वीकल्चर के देखते हुए खैर कटान वन प्रबंधन सहित प्रदेश के राजस्व अर्जन के लिए भी बेहतर है।
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