मुख्य सचिव ने प्रत्येक परियोजना का लिया सिलसिलेवार ब्योरा
धर्मशाला,रिपोर्ट मोनिका शर्मा
मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की घोषणा की अनुरूप कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने के मकसद से मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना खुद कांगड़ा जिले के दौरा पर हैं। उन्होंने शनिवार को धर्मशाला में जिला प्रशासन तथा अन्य विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर प्रत्येक परियोजना का सिलसिलेवार ब्योरा तथा उनकी वस्तु स्थिति और प्रगति की समीक्षा करते हुए कार्यान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल समेत विभिन्न विभागों के आला अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले के चहुंमुखी विकास पर जोर दे रही है। जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के चलते इसे लेकर निर्धारित समय पर गंभीर प्रयास अपेक्षित हैं। साथ ही जिले में जनकल्याण की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्राथमिकता है कि सरकार के सभी फ्लैगशिप कार्यक्रमों का जिले में समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि कांगड़ा जिले का विकास एक मिसाल बने।
प्रबोध सक्सेना ने बैठक में प्रमुख रूप से केंद्रीय विश्वविद्यालय की निर्माण गतिविधियों, कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार कार्य की प्रगति, धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेशन सेंटर की प्रस्तावित योजना, बनखंडी में बनने वाले जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में प्रस्तावित ओल्डेज वेलनेस रिजॉर्ट, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, जिले में आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक के प्रस्तावित निर्माण, परागपुर में बनने वाले गोल्फ कोर्स मैदान, जिले मे बन रहे तथा प्रस्तावित आईटी पार्क, गग्गल में प्रस्तावित एयरो सिटी, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, हेलीपोर्ट निर्माण तथा पौंग में प्रस्तावित पर्यटन व साहसिक खेल गतिविधियों समेत अन्य विकास योजनाओं की वस्तु स्थिति और प्रगति की समीक्षा की।मुख्य सचिव ने कहा कि धर्मशाला के सिद्धबाड़ी में प्रस्तावित 130 करोड़ रुपये का अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर कांगड़ा जिले के साथ साथ संपूर्ण प्रदेश के लिए लाभकारी होगा।
इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका निर्माण भविष्योन्मुखी दृष्टि से हो। कॉंफ्रेेंस सिटी के तौर पर उभर रहे धर्मशाला में इस प्रकार का कन्वेंशन सेंटर नितांत जरूरी है, जहां राज्य के साथ साथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण सम्मेलनों, बैठकों तथा अन्य आयोजनों के लिए उपयुक्त सेमिनार हॉल, बैठक कक्ष तथा अन्य आवश्यक प्रबंधों के साथ के साथ साथ वाहन पार्किंग की बड़ी सुविधा हो।बता दें, कन्वेंशन सेंटर के लिए सिद्धबाड़ी में 4 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। निर्माण को लेकर एशियन विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधि साईट निरीक्षण भी कर चुके हैं।मुख्य सचिव ने कन्वेंशन सेंटर के लेआउट प्लान को अंतिम रूप देने से पहले वर्तमान के साथ भविष्य की जरूरतों से जुड़े पहलुओं पर गहनता से गौर करने के निर्देश दिए।
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