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25 मई को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिला के चार लाख बच्चों को दी जाएगी एल्बेंडाजोल की दवाई

                        टीकाकरण और कृमि मुक्ति दिवस को लेकर जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित

धर्मशाला,रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल की अध्यक्षता में आज वीरवार को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस, डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा और बच्चों के टीकाकरण को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 25 मई को होने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा और जिले में बच्चों के टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। अतिरिक्त उपायुक्त ने इन अभियानों के बेहतर परिणाम के लिए विभिन्न विभागों को तालमेल बनाकर काम करने के निर्देश दिए।

सौरभ जस्सल ने बताया कि 25 मई को जिला कांगड़ा में 1 साल से लेकर 19 साल तक के लगभग चार लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई के साथ विटामिन ए की गोली खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मौके जो बच्चे छूट जाएंगे उनको यह दवाई 31 मई को खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के लगभग 2835 सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों को इस अभियान के तहत कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृमि संबंधित रोगों से बचाव के लिए वर्ष में दो बार इस कार्यक्रम को मनाया जाता है।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि बरसात के मौसम में डायरिया संबंधित रोगों की चपेट में आने की अधिक संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच और समय से उपचार को लेकर 15 से 30 जून तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों की डायरिया संबंधित जांच करेंगी और दवाईयां उपलब्ध करवाएंगी।उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 5 साल तक की आयु के बच्चों को घर-घर जाकर आशा वर्कर ओआरएस का पैकेट देगी तथा दस्त रोग के बारे में लोगों को जागरूक करेगी। लोगों को स्वच्छता और हाथ धोने के सही तरीके के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।बैठक में कोविड वैक्सीनेशन, रूटीन इम्यूनाइजेशन, मीजल्स रूबेला उन्मूलन और एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। अतिरिक्त उपायुक्त ने सही समय पर बच्चों के टीकाकरण को लेकर सभी विभागों को बेहतर तालमेल से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और समग्र विकास के लिए उपयुक्त समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2023 तक मीजल्स रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग को गंभीर प्रयास करने होंगे। एडीसी ने सभी विभागों को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये ताकि इस अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित किया जा सके।बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ वंदना ने कोविड वैक्सीनेशन, रूटीन इम्यूनाइजेशन और मीजल्स रूबेला उन्मूलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में कोविड की 33 लाख डोज लग गई हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 51 प्रतिशत लोगों ने कोरोना की एहतियाती डोज भी लगवा ली है।

उन्होंने बताया कि जिले में पिछले वर्ष लगभग 99 प्रतिशत बच्चों को मीजल्स रूबेला की वैक्सीन दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान को और गति देते हुए इस वर्ष 11 से 19 वर्ष के सभी बच्चों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अब रोटा वायरस के लिए अस्पताल में ही रोटासिल नामक वैक्सीन बच्चों को दी जाएगी।


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