पालमपुर, रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मुझे इस बात की जरा भी आशा नही थी कि हिमाचल प्रदेश की नई सरकार मेरे जैसे आपातकाल में जेल जाने वालों का इस प्रकार से अपमान करेंगी। सरकार द्वारा इस अपमानजनक व्यवहार से मैं बहुत अधिक आह्त हुआ हूं। हम सब लोग देश की दूसरी आजादी की लड़ाई में जेल गये थे। विधान सभा में यह कहा गया कि पिछली सरकार ने हम चहेतों को पेंशन की खैरात दी है।
उन्होंने कहा आज से 48 साल पहले 1975 में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत केा एक जेल खाना बना दिया गया था। श्री जयप्रकाश नारायण, श्री मोरारजी देसाई और श्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे लगभग 75 हजार लोगों को जेलों में डाल दिया था। कोई दलील अपील नही थी। यहां तक कि संविधान में दिया गया जीने का मूल अधिकार भी समाप्त कर दिया गया था। भारत के इतिहास का यह सबसे बड़ा काला अध्याय था।
उन्होंने कहा उस समय न तो कोई विदेशी आक्रमण हुआ था और न कोई भूचाल आया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव जीतने के लिए भ्र्ष्ट तरीके अपनाने पर श्रीमति इन्दिरा गांधी का चुनाव रदद कर दिया और चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। केवल और केवल एक नेता की कुर्सी बचाने के लिए पूरे देश को जेल खाना बना दिया।
शांता कुमार ने कहा हम सब किसी सम्मान या पेंशन के लिए जेल नही गये थे। लोकतंत्र की रक्षा के लिए सिर पर कफन बांध कर उस युद्ध में हम कूदे थे। बहुत से जेलों में ही मर गये थे हमें चहेता कहना हम सबका और देश का बहुत बड़ा अपमान है।
उन्होंने कहा 48 साल पहले जेल में काटे 19 महीने की यातना बच्चों और परिवार को हुई कठिनाईओं के सारे घाव इस अपमान ने एक बार फिर ताजा कर दिये।
शांता कुमार ने कहा सरकार को हमारे साथ किये इस अन्याय के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। हमें कोई सम्मान नही चाहिए, पेंशन भी नही चाहिए परन्तु ऐसे हल्के शब्दो का उपयोग करके यह अपमान बहुत बड़ा अन्याय हैं
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