मलेरिया के प्रति किया बच्चो को जागरूक,कैसे बचे मलेरिया से
काँगड़ा,रिपोर्ट नवीन शर्मा
मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है। जो फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है. इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम नाम से जाना जाता है। मलेरिया फैलाने वाली इस मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं।इस मौसम में मलेरिया और डेंगू से होने वाली बीमारियों का कहर बढ़ जाता है। ये बीमारियां ऐसी होती हैं जो मरीज का शरीर दर्द से तोड़कर रख देती हैं।
मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है. जो फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है. इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का जीवाणु पाया जाता है। जिसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम नाम से जाना जाता है. मलेरिया फैलाने वाली इस मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं। इस मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है। यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है।
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