भांग की खेत करने से पहले जाना होगा दो राज्य में,किस क्षेत्र में होगा भांग की खेती से ज्यादा लाभ
शमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि समिति पर्यावरणीय प्रभावों पर ध्यान देने के साथ राज्य में विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेगी। इसमें भविष्य में विदेशी निवेश भी होने की उम्मीद है। दवा उद्योग, आयुर्वेद, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और सौंदर्य प्रसाधन जैसे विभिन्न उद्योगों में भांग के फाइबर, बीज, पत्ती इत्यादि से कई उच्च मूल्य वाले उत्पाद बनाए जा सकते हैं।
इस बैठक में पॉलीहाउस में मेडिकल हेम्प की लाइसेंसशुदा खेती, जंगली भांग एकत्रित करने के अलावा कम नशीले कारक के साथ औद्योगिक भांग की लाइसेंसी खेती, दवा बाजार तक इसकी उपलब्धता सीमित करने और गैर-मादक उद्देश्यों के लिए जंगली पौधे के उपयोग पर भी चर्चा की गई। इस दौरान राज्य के पिछड़े क्षेत्रों को इससे लाभान्वित करने के पहलुओं पर भी चर्चा की गई। प्रदेश सरकार ने हिमाचल में भांग की खेती को वैध बनाने के संबंध में एक समिति गठित की है। राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने गुरुवार को भांग को औषधीय व औद्योगिक इस्तेमाल से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लेकर चर्चा की।
समिति ने यह भी फैसला किया है कि जिन राज्यों में भांग को वैध बनाया गया है, उन राज्यों का दौरा कर इसके संबंधित विभिन्न पहलुओं को देखा जाएगा। जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के साथ-साथ राजस्व अर्जित करने के मद्देनजर भांग के पौधों का गैर-मादक उपयोग करने की योजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में रोगियों को सुरक्षित प्राकृतिक दवाओं तक पहुंच प्रदान करने, प्लास्टिक और निर्माण सामग्री के लिए बायोडिग्रेडेबल या जैविक विकल्प उपलब्ध करवाने के लिए समिति भांग के औषधीय एवं औद्योगिक उपयोग के लिए नियमों और नीतिगत ढांचे के सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है।
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