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‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष’ के लिए पियूष वर्मा ने मुख्यमंत्री को एक लाख की भेंट दी

 शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा

एडवोकेट पीयूष वर्मा ने आज शिमला में अपने पिता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमआर वर्मा की ओर से ‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष’ के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक लाख रुपये का चेक भेंट किया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में सुख-आश्रय योजना  शुरू करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य राज्य में अनाथ और निराश्रित बच्चों को बेहतर जीवन और शिक्षा के अवसर प्रदान करना है। यह पहल वंचित और जरूरतमंद बच्चों की देखभाल के एक लंबे समय से उपेक्षित मुद्दे को संबोधित करती है। राज्य सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है, जिसे अब हिमाचल प्रदेश सुख-आश्रय (बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक, 2023 के माध्यम से बजट सत्र के दौरान कानूनी रूप दिया गया है।

सुख-आश्रय योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथों, अर्ध-अनाथों और जरूरतमंद बच्चों को उचित देखभाल, सुरक्षा, विकास और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। यह योजना इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा में फिर से जोड़ने और समाज की दया पर निर्भर न रहने में मदद करने के लिए बनाई गई है।सुख-आश्रय विधेयक चाइल्ड केयर और आफ्टर केयर संस्थानों में रहने वाले बच्चों को वस्त्र भत्ता और त्योहार भत्ता प्रदान करेगा। साथ ही, राज्य सरकार इन बच्चों के लिए आवर्ती जमा खाते खोलेगी और उनमें योगदान देगी। इन बच्चों को राज्य के भीतर और बाहर वार्षिक एक्सपोजर विजिट का अवसर दिया जाएगा।

राज्य सरकार 27 वर्ष की आयु तक उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग सुविधाओं के साथ आश्रय, भोजन, वस्त्र आदि प्रदान करेगी। उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए वजीफे के अलावा, सरकार उन्हें अपना स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। विधेयक में भूमिहीन अनाथों को तीन बिस्वा भूमि आवंटन और आवास अनुदान का भी प्रावधान है।

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