पालमपुर, रिपोर्ट
पालमपुर विज्ञान केन्द्र में विश्व पशु चिकित्सा दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों एवं विभिन्न पशु चिकित्सा संस्थानों से आए स्वयं सेवकों एवं प्रशिक्षु छात्र– छात्राओं हेतु विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अमित गुलेरिया, उपमण्डल न्यायाधीश, पालमपुर ने अपने उद्बोधन में विश्व चिकित्सा दिवस की सार्थकता को इंगित करते हुए पशु चिकित्सा एवं अन्य सार्वजनिक सेवाओं में सेवाभाव एवं निष्ठाभाव के साथ जुड़कर समाज के उत्थान एवं विकास में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
“हिमाचल प्रदेश में पशुपालन: आर्थिक परिदृश्य’ पर अपने वक्तव्य में डॉ अमित गुलेरिया ने पशुपालन और उससे जुड़े व्यवसायों के प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान को रेखांकित किया और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पशुपालन, कृषि एवं बागवानी जैसे व्यवसायों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। पशु चिकित्सा दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए केन्द्र के संग्रहाध्यक्ष श्री राम स्वरूप ने उपस्थित दर्शकों को हिमाचल प्रदेश में पशुधन के महत्व, देशी व विदेशी नस्लों के लाभ व दुग्ध उत्पादन क्षमताओं के विषय पर एक संक्षिप्त व्याख्यान प्रस्तुत किया ।
इसके पश्चात समस्त दर्शकों के लिए एक ओपन हाउस प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई । इस प्रश्नोत्तरी में, हिमाचल प्रदेश में पशुधन, जीव विज्ञान संबंधी सामान्य शब्दावली, घरेलू पशुओं के वैज्ञानिक नाम एवं उनसे जुड़ी हुई कुछ रोचक जानकारियाँ इत्यादि पर प्रश्न पूछे गए । प्रश्नों के सही उत्तर देने वाले दर्शकों को यथास्थान पुरस्कृत किया गया । जिला कांगड़ा एवं अन्य जिलों के विभिन्न विद्यालयों एवं पशु चिकित्सा संस्थानों जैसे- शहीद मेजर सुधीर कुमार वालिया राजकीय वरिष्ठ उत्कृष्ट विद्यालय, बनुरी; बंशीलाल मेमोरियल पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संस्थान, सरकाघाट; विद्यावती मेमोरियल पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संस्थान, नूरपुर; स्वामी श्री विवेकानंद पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संस्थान सुंदरनगर एवं ठाकुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय ढलियारा से आए लगभग 105 विद्यार्थी, प्रशिक्षु, स्वयं सेवक एवं शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में प्रतिभागिता की।
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