Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की औपचारिकताएं कराएं पूर्ण

                                3-4 अप्रैल को लगेंगे पीएम किसान सम्मान निधि योजना के विशेष कैंप

धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट 

जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने कांगड़ा जिले के किसानों से संबंधित तहसील-उपतहसील में  जाकर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की औपचारिकताएं पूर्ण कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थियों के ई-केवाईसी, भूमि संबंधी जानकारी (लैंड सीडिंग) और बैंक अकाउंट को आधार के साथ लिंक करने की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन  3 व 4 अप्रैल को जिले की सभी तहसीलों व उप तहसीलों में विशेष कैंप लगाएगा। लोगों की मदद को विशेष रूप से हेल्प डेस्क लगाए जाएंगे।


बता दें, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में आधार बेस्ड भुगतान प्रणाली अपनाई गई है। इसके लिए लाभार्थी का ई-केवाईसी और बैंक अकाउंट का आधार के साथ लिंक होना अनिवार्य है।

जिलाधीश ने पात्र लाभार्थियों से अपील की है कि विशेष कैंप में अपने जमीन और अन्य संबंधित दस्तावेजों को साथ लेकर आएं। जिन्होंने अभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ई-केवाईसी, लैंड सीडिंग और बैंक अकाउंट को आधार के साथ लिंक कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है वे विशेष कैंप में आकर सुविधा का लाभ लें।

डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में लगभग 36 हजार किसान ऐसे हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि योजना की औपचारिकताएं पूर्ण नहीं कराने के चलते लाभ से वंचित हैं। बहुत से पात्र किसान ऐसे हैं जिन्होंने पंजीकरण में जमीन संबंधी जानकारी (लैंड सीडिंग) नहीं दी है। उन्होंने बताया कि लैंड सीडिंग नहीं कराने की वजह से किसान पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण करने वाले किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किश्त नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि बहुत से किसान ऐसे हैं जिनको पहले की किश्तें प्राप्त हुई और बाद में रुक गई। उन्होंने बताया कि ऐसी दिक्कत प्रमाण पत्रों के गलत अपलोड होने या गलत दस्तावेजों को दर्ज करवाने से आ रही है।उन्होंने बताया कि 3-4 अप्रैल को विशेष शिविरों में इस प्रकार की सभी दिक्कतों को ठीक कर पंजीकरण प्रक्रिया को दुरुस्त करने, ई-केवाईसी समेत योजना की सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जाएंगी।



Post a Comment

0 Comments

 मंत्री चन्द्र कुमार द्वारा उद्घाटन करना क्यों बना चर्चा का विषय