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औजार से किसी भी पत्थर को अद्भुत स्वरूप देने में माहिर

 देवभूमि हिमाचल के पहाड़ों व अन्य जगहों मिलने वाले पत्थरों को नेपाल का रहने वाला दुर्गा तराश कर देवी- देवताओं का स्वरूप प्रदान कर रहा है

रिपोर्ट जतिन लटावा जोगिंदर नगर 

देवभूमि हिमाचल के पहाड़ों व अन्य जगहों  पर मिलने वाले पत्थरों को नेपाल का रहने वाला दुर्गा तराश कर देवी- देवताओं का स्वरूप प्रदान कर रहा है।

 पत्थरों को तराशकर बहुमंजिला इमारतों में अलग खूबसूरती दिखाने के उसके हुनर का हर कोई कायल है। शहर के साथ लगती ढेलू पंचायत में उनके द्वारा तराशे गए पत्थर आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। नेपाली मूल के दुर्गा का कहना है कि हथौड़े व अन्य औजार से वह किसी भी पत्थर को अद्भुत स्वरूपदे सकता है। उनमें देवी-देवताओं की मूर्तियां तैयार करने की कला भी है। कई धार्मिक स्थलों में भी उन्होंने पत्थरों पर आकृतियां उकेरी हैं। पुश्तैनी कला को संजोए रखने के लिए वह तपती धूप में भी पत्थरों में को तराश रहे है।

यह शौक ही नहीं बल्कि आजाविका का भी साधन है। जोगेंद्रनगर की बहुमंजिला इमारतों में भी दिखती है दुर्गा के हाथों की कलाजोगेंद्रनगर में पत्थरों को तराशते दुर्गा । 13 साल से वह पत्थरों को तराशने का काम कर रहा हैं। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर समेत प्रदेश भर में उनकी पत्थरों पर गई नक्काशी आज भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है ।निवासी दुर्गा क्याल का कहना है कि बेरोजगारों को अपने हुनर से आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता रही है। नेपाल में उनके द्वारा सिखाए गए हुनर से आज भीयुवा आत्मनिर्भर हैं। प्रदेश में भी अगर कोई इसकी बारीकियां सीखना चाहता है तो वह निश्शुल्क प्रशिक्षण देने को तैयार है।




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