शिमला जिला भी कर रहा है इलेक्ट्रिक बसेस की शुरुआत का इंतज़ार
शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा
सरकार ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। फिर सरकार इसके आधार पर नई इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा तैयार करेगी।हिमाचल प्रदेश सरकार डेढ़ हजार डीजल बसों के बदले इलेक्ट्रिक बसें खरीदने से पहले नीति बनाएगी।
सरकार ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। फिर सरकार इसके आधार पर नई इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा तैयार करेगी। इस कमेटी में विभिन्न विभागों के सचिवों को सदस्य बनाया गया है। राज्य के प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम में इस कमेटी के गठन को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है।यह कमेटी सरकार को सुझाव भी देगी कि हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की डीजल बसों के बदले कैसे नई इलेक्ट्रिक बसों को निगम के बेड़े में बदला जाए। एचआरटीसी प्रबंधन को पहले चरण में डेढ़ हजार डीजल बसों को रूट से हटाया जाना है। इसके लिए सरकार ने बजट में एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करना है। बताते हैं कि निगम प्रबंधन ने सरकार से मामला उठाया है कि निगम कर्ज उठाकर नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदता है तो इससे निगम के कारोबार में वृद्धि होना संभव नहीं है।
इससे वित्तीय बोझ जरूर बढ़ेगा। उधर, निगम के अधिकारी बताते हैं कि उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ई-बसें खरीदने के लिए नीति को अंतिम रूप देगी। इस नीति पर ही तय होगा कि निगम की नई ई-बसें निगम कर्जा लेकर खरीदेगा या फिर निजी क्षेत्र की भागीदारी से निगम के बेड़े में नई इलेक्ट्रिक बसें जुटाई जाएंगी।प्रदेश सरकार की ओर से गठित उच्च स्तरीय कमेटी में अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना रहेंगे। कमेटी के सात सदस्यों में प्रधान सचिव परिवहन, प्रधान सचिव वित्त, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रधान सचिव उद्योग और प्रधान सचिव राजस्व रहेंगे। कमेटी के सदस्य सचिव निदेशक परिवहन को रखा है।
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