गोल्ड मेडलिस्ट 95वें साल की एथलीट दादी ने युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं
दिल्ली,ब्यूरो रिपोर्ट
भगवानी देवी मूल रूप से हरियाणा के खेकड़ा में जन्मी है! लेकिन दिल्ली में रहती हैं. केवल 12 साल की उम्र भगवानी देवी की शादी हो गई थी ,और जब वह तीस साल की हुई तो उनके पति का निधन हो गया था !उन्होंने अकेले ही अपने बच्चों का पालन-पोषण किया. लेकिन एक दिन अचानक ही उनकी 4 साल की बेटी की मृत्यु हो गई! इस तरह से भगवानी देवी अपनी किस्मत से जूझते हुए आगे बढ़ती रहीं! उन्हें दिल्ली के नगर निगम में नौकरी करने का मौका मिला!
भगवानी देवी ने पोलैंड में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है !गोल्ड मेडलिस्ट 95वें साल की एथलीट दादी ने युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है. उन्होंने भारत लौटने पर युवाओं के लिए एक खास संदेश दिया है! जीवन में आगे बढ़ने और अपनी पहचान बनाने की कोई उम्र नहीं होती है! इसके लिए जरूरी है तो वह केवल आपकी मेहनत, लगन और जज्बा, जो कि आपको किसी बहुत आगे तक ले जाता है !इतना ही नहीं यह सपनों को हकीकत में भी बदल देता है और ऐसा ही कमाल 95 साल की एथलीट भगवानी देवी ने कर दिखाया है! उन्होंने पोलैंड में तीन गोल्ड अपने नाम कर भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया है! वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इनडोर चैंपियनशिप 2023 का 9वां सीजन पोलैंड में आयोजित किया गया था! इसमें भगवानी देवी ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन कर तीन गोल्ड मेडल जीत लिए!
भगवानी देवी के 3 पोते हैं, जिसमें उनके बड़े पोते विकास डागर भी खेल से जुड़ हुए हैं !विकास ने कई सारे टूर्नामेंट में भाग लिया है. पारा एथलेटिक्स में विकास कई मेडल अपने नाम कर चुके हैं !इसके साथ ही विकास को खेल रत्न के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. पोते को देखते हुए भगवानी देवी की रुचि भी खेल के प्रति बढ़ने लगी और उन्होंने इतिहास रच डाला!
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